


जैसलमेर। जैसलमेर के रासला पंचायत के सांवता गांव में भेड़-बकरियों में बीमारी चल रही है। इस बीमारी के कारण दो महीने में अब तक लगभग करीब 300 भेड़-बकरियां मर चुकी हैं। गांव के पशुपालक परेशान हैं और पशुपालन विभाग पर आरोप लगा रहे हैं कि वे पशुओं को दवाई उपलब्ध नहीं करवा रहे हैं। पशुपालन विभाग का कहना है कि इस बीमारी की वैक्सीन अभी तक आई नहीं है, जैसे ही उपलब्ध होगी हम वैक्सीन लगा लेंगे। वहीं पशुपालकों का कहना है कि हम बिना दवाई के अपने पशुओं को दर्दनाक मौत से मरते हुए देख रहे हैं।
सर्दियों में होने वाली बीमारी के नहीं है वैक्सीन
सांवता गांव के पर्यावरण प्रेमी सुमेर सिंह ने बताया कि पिछले 2 महीने से भेड़-बकरियों में अजीब सी बीमारी फैली है। भेड़ बकरियां लगातार मर रही हैं। ना चारा खाती हैं और ना ही पानी पी रही हैं। तरडिया नामक देसी नाम वाली इस बीमारी में पशुओं को अपनी जान से हाथ धोना पड़ रहा है। उन्होंने बताया कि दो महीने से ये बिमारी चल रही है। दो महीने में करीब 300 भेड़-बकरियां मर चुकी हैं और पशुपालक चिंतित हैं। उन्होंने बताया कि पशुपालन विभाग में इस बीमारी को लेकर ना तो कोई दवाई मौजूद है और ना ही वेक्सीन। उन्होंने बताया कि पशुपालक बहुत चिंतित हैं क्योंकि पशुपालन ही इनकी आजीविका का साधन है। पशु अगर मरते रहे तो परिवार का पालन पोषण कैसे करेंगे।
नहीं आई वैक्सीन
पशुपालन विभाग जैसलमेर के जॉइंट डायरेक्टर डॉ अशोक सुथार ने बताया कि बीमारी की जानकारी मिलते ही हमने मेडिकल टीम को बता दिया है। ये बीमारी भेड़-बकरियों में सर्दियों में होती है। ज्यादा सर्दी कि वजह से पशुओं में सर्दी, जुकाम आदि की शिकायत से बीमारी होती है। वैक्सीन लग जाने से पशुओं की जान नहीं जाती। उन्होंने बताया कि इस बार इस बीमारी के वैक्सीन आए ही नहीं हैं। जैसे ही वैक्सीन आएंगे हम पशुओं में लगा देंगे।