


जयपुर। ट्रांसजेंडर्स को समाज में अभिशाप के रूप में माना जाता है. लेकिन, अब इन्हें समाज की मुख्यधारा में लाने के लिए राज्य सरकार ने अपने प्रयास शुरू कर दिए हैं. इसके तहत शिक्षा से स्वास्थ्य तक, व्यवसायिक प्रशिक्षण से लेकर व्यवसाय तक राज्य सरकार हर क्षेत्र में सहायता करेगी. इतना ही नहीं ट्रांसजेंडर्स अपना जीवन सामान्य बीता सकें. इसके लिए लिंग परिवर्तन यानि सेक्स री-असाइनमेंटसर्जरी नि:शुल्क करवाई जा सकेगी. इसके लिए ढाई लाख रुपए तक की राशि देने का प्रावधान किया गया है.
समाज की मुख्यधारा से अलग-थलग चल रहे ट्रांसजेंडर्स के जीवन में आमूलचूल परिवर्तन करने के लिए राजस्थान सरकार ने ट्रांसजेंडर उत्थान कोष का गठन किया है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत साल 2021 -22 के बजट में इस कोष के लिए 10 करोड़ का प्रावधान किया था. ट्रांसजेंडर उत्थान कोष के गठन के बाद उस पर काम करना शुरू कर दिया गया है. इस कोष के जरिए प्रदेश के ट्रांसजेंडर्स को शिक्षा व्यवसाय स्वास्थ्य जैसी सुविधाओं से जोड़ा जाएगा ताकि वह अपना जीवन सामान्य तौर से व्यतीत कर सकें.
ट्रांसजेंडर्स को मिलेंगी ये सुविधाएं
ट्रांसजेंडर अपनी पहचान के लिए सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय भारत सरकार के पोर्टल पर अपना नाम दर्ज करवा सकेंगे. इस नयी योजना के तहत ट्रांसजेंडर्स के लिए शिक्षा की समुचित व्यवस्था होगी. ट्रांसजेंडर्स को शिक्षा के लिए समुचित आर्थिक सहायता दी जाएगी. इसके लिए मान्यता प्राप्त संस्थानों से व्यवसायिक प्रशिक्षण होगा. स्वरोजगार के लिए ट्रांसजेंडर्स को बैंक से ऋण मिल सकेगा. प्रदेश में ट्रांसजेंडर्स की समस्याओं के निस्तारण के लिए संभावित मुख्यालय पर काउंसलर होंगे.
ट्रांसजेंडर्स ने जाहिर की खुशी
बता दें, ट्रांसजेंडर्स अपना जीवन समाज में सामान्य तौर पर बिता सकें इसके लिए राज्य सरकार ने लिंग परिवर्तन जैसी सर्जरी को भी मंजूरी दी है, जिसमें ढाई लाख रुपए से तक का भुगतान किया जा सकेगा. इधर सरकार की ओर से उठाए गए कदमों के बाद ट्रांसजेंडर्स ने खुशी जाहिर की है. ट्रांसजेंडर्स का कहना है कि ट्रांसजेंडर उत्थान कोष के जरिए वैधानिक तरीके से सामान्य जीवन को अपना सकेंगे. लिंग परिवर्तन जैसी सर्जरी को नि:शुल्क किए जाने से ट्रांसजेंडर्स उत्साहित हैं.
