नई दिल्ली: साल 2025 के खत्म होते ही सोशल मीडिया और व्हाट्सएप पर UPI को लेकर डराने वाले मैसेज तेज़ी से वायरल हो रहे हैं। कहीं दावा किया जा रहा है कि 1 जनवरी से Google Pay और PhonePe काम करना बंद कर देंगे, तो कहीं यह कहा जा रहा है कि पैन कार्ड लिंक न होने पर UPI ठप हो जाएगा। इन संदेशों ने लाखों यूजर्स को असमंजस में डाल दिया है। लेकिन हकीकत क्या है? हमने इन सभी दावों की पड़ताल की है।
अफवाह 1: 1 जनवरी से Google Pay और PhonePe पर लिमिट लग जाएगी
सच: यह दावा पूरी तरह गलत है। दरअसल, नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने पहले UPI ऐप्स के लिए 30 प्रतिशत मार्केट कैप लागू करने की योजना बनाई थी, ताकि किसी एक ऐप का एकाधिकार न हो। लेकिन यूजर्स की सुविधा को देखते हुए इसकी समयसीमा बढ़ा दी गई है।
हकीकत: यह नियम अब 31 दिसंबर 2026 तक लागू नहीं होगा। यानी अगले पूरे साल तक आप बिना किसी रुकावट के Google Pay, PhonePe या Paytm का इस्तेमाल कर सकते हैं। किसी नए ऐप पर शिफ्ट होने की जरूरत नहीं है।
अफवाह 2: एक साल ट्रांजेक्शन न करने पर UPI ID बंद हो जाएगी
सच: यह आधा सच है। यह नियम नया नहीं है और इसे 2023 में ही लागू किया गया था। इसका मकसद सुरक्षा से जुड़ा है।
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हकीकत: अगर किसी UPI ID से लंबे समय तक कोई लेनदेन नहीं हुआ है और उससे जुड़ा मोबाइल नंबर बदल चुका है, तो सुरक्षा कारणों से ID को निष्क्रिय किया जा सकता है। आमतौर पर बैंक या ऐप पहले यूजर को सूचना देते हैं। नियमित इस्तेमाल करने वाले यूजर्स को चिंता करने की जरूरत नहीं है।
अफवाह 3: पैन लिंक नहीं किया तो बैंक खाता फ्रीज और UPI बंद
सच: यह दावा भी भ्रामक है। पैन-आधार लिंक न करने पर पैन कार्ड इनऑपरेटिव हो सकता है, लेकिन इसका सीधा असर UPI पर नहीं पड़ता।
हकीकत: UPI बैंक अकाउंट से जुड़ा होता है, न कि सीधे पैन कार्ड से। पैन निष्क्रिय होने पर TDS ज्यादा कट सकता है और टैक्स रिफंड में दिक्कत आ सकती है, लेकिन UPI पेमेंट तुरंत बंद नहीं होता। फिर भी पैन-आधार लिंक कराना फायदेमंद है।
तो फिर 1 जनवरी से क्या बदलेगा?
नए साल से कोई बड़ा झटका देने वाला नियम लागू नहीं हो रहा है। NPCI की ओर से UPI AutoPay को और पारदर्शी बनाने और फ्रॉड रोकने के लिए बैकएंड में कुछ तकनीकी सुधार किए जा रहे हैं। इसका आम यूजर के रोजमर्रा के लेनदेन पर कोई नकारात्मक असर नहीं पड़ेगा।

