हाईवे के किनारे चल रहे 1102 शराब ठेकों को हटाने का हाईकोर्ट का आदेश
राजस्थान हाईकोर्ट ने प्रदेशभर में नेशनल और स्टेट हाईवे के 500 मीटर के दायरे में स्थित सभी 1102 शराब ठेकों को दो महीने के भीतर हटाने का आदेश दिया है। यह आदेश चूरू निवासी कन्हैयालाल सोनी की जनहित याचिका पर बुधवार को सुनाया गया।
हाईकोर्ट का फैसला और कारण
जस्टिस डॉ. पुष्पेंद्र सिंह भाटी और जस्टिस संजीत पुरोहित की खंडपीठ ने स्पष्ट किया कि चाहे ये ठेके नगरपालिका या शहरी सीमा में क्यों न आते हों, यदि ये हाईवे पर स्थित हैं तो इन्हें हटाना अनिवार्य है। कोर्ट ने कहा कि यह कदम प्रदेश में बढ़ते सड़क हादसों और ‘ड्रंक एंड ड्राइव’ के मामलों को रोकने के लिए लिया गया है।
सरकार की दलील को खारिज
सरकार ने तर्क दिया कि ये शराब की दुकानें आबादी या नगरपालिका क्षेत्र में आती हैं और सुप्रीम कोर्ट की छूट के दायरे में आती हैं। साथ ही, इन 1102 ठेकों से राज्य को सालाना करीब 2221.78 करोड़ रुपए का राजस्व प्राप्त होता है। हाईकोर्ट ने इसे सिरे से खारिज करते हुए कहा कि संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत लोगों की जान की सुरक्षा सर्वोपरि है।
हाईकोर्ट का टिप्पणी
कोर्ट ने कहा कि सरकार ने अपने विवेक का दुरुपयोग करते हुए हाईवे को “लिकर-फ्रेंडली कॉरिडोर” बना दिया है। इसके परिणामस्वरूप सड़क दुर्घटनाओं और शराब के दुरुपयोग की घटनाओं में वृद्धि हुई।
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आदेश का क्रियान्वयन
हाईकोर्ट ने सभी संबंधित जिलों और अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे सुनिश्चित करें कि निर्धारित समय सीमा के भीतर शराब के ठेके हटाए जाएं। यह निर्णय न केवल सड़क सुरक्षा को बढ़ावा देगा, बल्कि सार्वजनिक स्वास्थ्य और सुरक्षा के दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
