15 साल बाद न्याय: चंडीगढ़ में MBA छात्रा का बलात्कार और हत्या का मामला
चंडीगढ़ में 2010 में 21 वर्षीय MBA छात्रा के साथ टैक्सी चालक मोनू कुमार द्वारा पहले बलात्कार और फिर हत्या किए जाने का मामला 15 साल बाद न्यायालय में निर्णायक मोड़ पर पहुंचा। गुरुवार को विशेष महिला एवं बाल न्यायालय ने आरोपी को दोषी ठहराया। अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश डॉ. यशिका ने मोनू कुमार को दोषी ठहराया और सजा कल सुनाई जाएगी।
आरोपी ने कबूला अपना गुनाह
पुलिस के अनुसार, नशे का आदी मोनू कुमार 2022 में मलोया में एक अन्य महिला के साथ बलात्कार और हत्या के मामले में 2024 में गिरफ्तार किया गया था। पूछताछ के दौरान उसने कबूल किया कि उसने 2010 में चंडीगढ़ के सेक्टर 38 में एक अन्य महिला के साथ बलात्कार और हत्या की थी। आरोपी पर आईपीसी की धारा 302 (हत्या) और 376 (बलात्कार) के तहत मामला दर्ज था।
सबूतों की कमी के कारण पहले बरी
पुलिस ने बताया कि आरोपी को हिमाचल प्रदेश में बलात्कार के आरोप में गिरफ्तार किया गया था, लेकिन पहले सबूतों के अभाव में उसे बरी कर दिया गया था। 2022 में गिरफ्तारी के बाद केंद्रीय फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला (सीएफएसएल) के निष्कर्ष के आधार पर आरोपी पर ध्यान केंद्रित किया गया। जांच में पाया गया कि नमूने संदिग्ध व्यक्ति के नमूनों से मेल खाते थे।
पीड़िता की तलाश और शव की हालत
पीड़िता के पिता ने 31 जुलाई 2010 को पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। उनकी बेटी 30 जुलाई की शाम लगभग 6 बजे अंग्रेजी बोलने की कक्षा के लिए स्कूटर से घर से निकली थी, लेकिन रात 9 बजे तक घर नहीं पहुंची।
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पिता ने उसकी सहेलियों और दोस्तों से जानकारी जुटाई, लेकिन कोई पता नहीं चला। बाद में पिता को बताया गया कि उनका बेटी का स्कूटर सेक्टर 38 वेस्ट स्थित टैक्सी स्टैंड के पास खून से सना पड़ा है। कुछ देर बाद झाड़ियों में खून से लथपथ अर्धनग्न शव मिला। उसे अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने मृत घोषित किया।
अब न्याय की राह पर
15 साल बाद आरोपी को दोषी ठहराने के फैसले ने पीड़िता के परिवार और समाज को राहत दी है। विशेष न्यायालय के फैसले के बाद सजा की प्रक्रिया कल पूरी होगी, जिससे इस लंबित मामले में न्याय सुनिश्चित होगा।
