पीबीएम अस्पताल में संविदाकर्मियों के साथ हो रहे कथित शोषण के विरोध में आज कांग्रेस नेता अरुण व्यास के नेतृत्व में जोरदार प्रदर्शन किया गया। व्यास सहित कई कर्मचारी नेता और सामाजिक कार्यकर्ता एसएसबी ब्लॉक पहुंचे, जहां उन्होंने अधीक्षक डॉ. संजीव बुरी से तत्काल हस्तक्षेप कर कार्रवाई करने की मांग की।
वेतन भुगतान में देरी और कटौती के आरोप
अरुण व्यास ने आरोप लगाया कि अस्पताल में संविदा आधार पर कार्यरत कर्मचारियों को महीनों से वेतन नहीं मिला है। उन्होंने कहा कि ठेका फर्म नियमों का खुलेआम उल्लंघन कर रही है, तय मानदेय में लगातार कटौती की जा रही है और पीएफ तथा ईएसआई की राशि भी जमा नहीं की जा रही।
व्यास के अनुसार जब कर्मचारी अपनी शिकायतें दर्ज कराते हैं, तो उन्हें नौकरी से निकालने की धमकी दी जाती है, जिससे कर्मचारियों में भारी आक्रोश है।
48 घंटे का अल्टीमेटम
कांग्रेस नेता ने चेतावनी दी कि यदि 48 घंटे के भीतर वेतन और अन्य बकाया राशि का भुगतान नहीं किया गया, तो आंदोलन को और तेज किया जाएगा और अगला चरण एसपी मेडिकल कॉलेज प्रिंसिपल के घेराव के रूप में होगा।
पारदर्शिता की मांग और भ्रष्टाचार का आरोप
व्यास ने ठेका फर्म की निविदा शर्तों की प्रति और फर्म के अधीन कार्यरत संविदाकर्मियों की सूची उपलब्ध कराने की मांग भी रखी। उनका कहना है कि इन प्रक्रियाओं में बड़े स्तर पर अनियमितताओं और भ्रष्टाचार की आशंका है, जिसकी जांच आवश्यक है।
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व्यापक आंदोलन की चेतावनी
उन्होंने कहा कि यदि प्रशासन ने समय पर कार्रवाई नहीं की तो आंदोलन को और व्यापक रूप दिया जाएगा।
आज के विरोध में समाजसेवी रूपकिशोर व्यास, वसीम रज़ा, मनीष, मणिशंकर, रवि मेघवाल, रमीज़ राजा सहित बड़ी संख्या में संविदाकर्मी उपस्थित रहे।
