सदर थाना क्षेत्र में एक फाइनेंस कंपनी को कथित रूप से करोड़ों की धोखाधड़ी का शिकार बनाने का मामला सामने आया है। एपीएसी फाइनेंशियल सर्विस प्राइवेट लिमिटेड के प्रतिनिधि पुनीत कालरा ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराते हुए बताया कि रोझा और अन्य क्षेत्रों के छह लोगों ने कंपनी से लोन लेने के नाम पर भ्रामक जानकारी देकर भारी आर्थिक नुकसान पहुंचाया।
शिकायत के अनुसार रोझा निवासी अनिल कुमार, उसकी पत्नी माया, फुलदेसर निवासी मनीष पुत्र महेंद्र विश्नोई, हनुमानगढ़ निवासी मनीष सेठी, रोझा निवासी शंकर नाई पुत्र कालूराम नाई और गंगानगर निवासी तेज भाटी उर्फ तेजाराम ने नवंबर 2024 में कंपनी से ऋण के लिए आवेदन किया था। आवेदन के समय आरोपियों ने जिस मकान को अपने नाम का बताकर गिरवी दिखाया, वह वास्तव में किसी अन्य व्यक्ति की संपत्ति निकली।
कंपनी ने नियमित किश्तों का भुगतान न होने पर संबंधित संपत्ति की जांच करवाई, लेकिन पता चला कि आरोपियों ने जिस घर का फोटो और दस्तावेज जमा कराए थे, वह उनकी वास्तविक संपत्ति नहीं थी। आरोप है कि गिरोह ने योजनाबद्ध तरीके से फर्जी प्रॉपर्टी के आधार पर करीब 12 लाख रुपये का लोन स्वीकृत करवाया और राशि मिलते ही भुगतान करना बंद कर दिया।
फाइनेंस कंपनी द्वारा मामले की आंतरिक जांच के बाद पूरे प्रकरण को धोखाधड़ी और जालसाजी मानते हुए पुलिस में रिपोर्ट दी गई। सदर थाना पुलिस ने सभी आरोपियों के खिलाफ प्रकरण दर्ज कर जांच एएसआई शिवकुमार को सौंपी है।
प्रारंभिक जांच में यह भी संकेत मिले हैं कि आरोपी संगठित तरीके से लोन फ्रॉड की घटनाओं में शामिल हो सकते हैं। पुलिस अब दस्तावेजों की सत्यता, बैंक लेनदेन और संपत्ति से जुड़े तथ्यों की विस्तृत पड़ताल कर रही है।