राजस्थान में आयोजित पुलिस उपनिरीक्षक (SI) भर्ती-2021 के बहुचर्चित पेपरलीक घोटाले में प्रमुख आरोपी माने जा रहे जगदीश विश्नोई सहित चार लोगों को राजस्थान हाईकोर्ट से कोई राहत नहीं मिली। अदालत ने सभी की जमानत याचिकाएं सुनवाई के बाद खारिज कर दीं।
बुधवार को न्यायमूर्ति चंद्रप्रकाश श्रीमाली की एकलपीठ ने जगदीश विश्नोई, राजीव विश्नोई, कार्तिकेय शर्मा और रिंकू यादव की जमानत याचिकाओं पर फैसला सुनाया। आरोपियों की ओर से कहा गया कि उनके खिलाफ ठोस साक्ष्य मौजूद नहीं हैं और ट्रायल में लंबा समय लग सकता है, इसलिए उन्हें विचाराधीन कैदी के रूप में जमानत दी जानी चाहिए।
राज्य सरकार की ओर से पेश हुए विशेष लोक अभियोजक अनुराग शर्मा और अधिवक्ता अक्षत शर्मा ने अदालत को बताया कि मामले में आरोप अत्यंत गंभीर हैं। अभियोजन पक्ष के अनुसार जगदीश विश्नोई इस पूरे नेटवर्क का संचालन करता था और उसके खिलाफ पहले भी कई मामले दर्ज हैं। राजीव विश्नोई न केवल अभ्यर्थी था बल्कि पेपर सॉल्विंग में भी शामिल था।
वहीं, कार्तिकेय शर्मा पर आरोप है कि उसने लीक हुआ प्रश्नपत्र खरीदा और उसे रिंकू यादव के माध्यम से आगे बेचने की व्यवस्था की। अभियोजन के अनुसार चारों आरोपियों ने संगठित गिरोह की तरह काम करते हुए प्रश्नपत्र लीक करवाया।
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दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद कोर्ट ने माना कि आरोप गंभीर प्रकृति के हैं और वर्तमान परिस्थितियों में जमानत देना उचित नहीं होगा। परिणामस्वरूप, चारों आरोपियों की जमानत याचिकाएं खारिज कर दी गईं।
