बीकानेर। राज्य में पहली बार 20 नवंबर से होने वाली राज्य स्तरीय अर्द्धवार्षिक परीक्षा को लेकर तैयारियां अंतिम चरण में थीं, लेकिन परीक्षा से ठीक पहले प्रशासनिक व्यवस्था बड़े संकट में पड़ गई है। जिले के अधिकांश शिक्षकों को पहले ही मतदाता सूची पुनरीक्षण और चुनावी तैयारियों में लगा दिया गया था, अब जिले के एकमात्र जिला शिक्षा अधिकारी (डीईओ) को भी चुनावी ड्यूटी पर भेज दिया गया है।
डीईओ किशनदान चारण वर्तमान में प्राथमिक और माध्यमिक दोनों शिक्षा विभागों का कार्यभार संभाल रहे हैं। वे रोजाना दो अलग-अलग कार्यालयों में जिम्मेदारियां निभा रहे थे। ऐसे में परीक्षा की संवेदनशील तैयारियों के बीच उनका चुनावी कार्य में लगना शिक्षा विभाग के लिए चुनौती बन सकता है।
17 नवंबर से शुरू होना है प्रश्नपत्र वितरण
अर्द्धवार्षिक परीक्षा के लिए 17 नवंबर से प्रश्नपत्र वितरण की प्रक्रिया शुरू होनी है। लेकिन डीईओ के चुनावी कार्य में व्यस्त होने से कई महत्वपूर्ण व्यवस्थाओं पर असर पड़ने की आशंका व्यक्त की जा रही है। इनमें शामिल हैं:
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प्रश्नपत्र वितरण का रोडमैप
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परीक्षा केंद्रों की निगरानी
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कम स्टाफ वाले स्कूलों में अतिरिक्त शिक्षकों की ड्यूटी लगाना
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सुरक्षा और गोपनीयता से जुड़े प्रबंध
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प्रतियोगी परीक्षाओं की ड्यूटी स्वीकृति
प्रशासनिक स्तर पर बढ़ रही चिंता
अर्द्धवार्षिक परीक्षा एकसमान प्रारूप में पूरे राज्य में पहली बार आयोजित की जा रही है। ऐसे में किसी भी प्रकार की अव्यवस्था सीधे परीक्षा संचालन को प्रभावित कर सकती है। शिक्षा जगत से जुड़े लोगों का कहना है कि डीईओ की अनुपस्थिति से पूरा तंत्र प्रभावित हो सकता है, क्योंकि परीक्षा से जुड़े लगभग सभी अहम निर्णयों पर उनकी स्वीकृति जरूरी है।
असर प्रतियोगी परीक्षाओं पर भी संभव
डीईओ की मंजूरी से ही कई प्रतियोगी परीक्षाओं में स्टाफ की नियुक्ति और केंद्र निर्धारण होता है। प्रशासनिक आदेशों के कारण इन कार्यों के भी प्रभावित होने की संभावनाएं हैं।
शिक्षकों और अभिभावकों में इस बात को लेकर असमंजस है कि क्या परीक्षा पूर्व तैयारियां समय पर पूरी हो पाएंगी। शिक्षा विभाग अब वैकल्पिक प्रबंधों पर विचार कर रहा है, ताकि परीक्षा प्रक्रियाओं को सुचारू और सुरक्षित तरीके से संचालित किया जा सके।
