निरीक्षण में खुली पोल, मरीजों को मूलभूत सुविधाओं के लिए भटकना पड़ रहा है
बीकानेर। प्रदेश के सबसे बड़े सरकारी अस्पतालों में शुमार पीबीएम अस्पताल का ट्रॉमा सेंटर इन दिनों अव्यवस्था और लापरवाही का केंद्र बन गया है।
मरीजों और उनके परिजनों को मूलभूत सुविधाओं के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है। वहीं अब दलालों और लपकों का गिरोह भी सक्रिय हो गया है, जो बेहतर इलाज के नाम पर मरीजों को झांसे में लेने का काम कर रहा है।
मीडिया में खबर आने के बाद प्रशासन हरकत में आया
बीते दिनों अव्यवस्थाओं को लेकर शिकायतें मीडिया में प्रकाशित होने के बाद एसपी मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. सुरेंद्र वर्मा और पीबीएम अधीक्षक डॉ. बी.सी. घीया बुधवार सुबह ट्रॉमा सेंटर पहुंचे और निरीक्षण किया।
निरीक्षण के दौरान कई खामियां सामने आईं, जिनमें सफाई व्यवस्था, उपकरणों की खराबी और कर्मचारियों की अनुपस्थिति जैसी समस्याएं शामिल थीं।
सीसीटीवी कैमरे बंद मिले, तुरंत चालू करवाने के निर्देश
निरीक्षण में यह भी पाया गया कि ट्रॉमा सेंटर में लगे सीसीटीवी कैमरे बंद हैं। अधिकारियों ने सुरक्षा और निगरानी के मद्देनजर इन्हें तुरंत चालू करवाने के निर्देश दिए।
साथ ही, हेल्प डेस्क को अधिक सक्रिय और पारदर्शी बनाने पर भी जोर दिया गया ताकि मरीजों और परिजनों को सही जानकारी मिल सके।
सोनोग्राफी जांच सेवाएं ठप, रेडियोलॉजिस्ट की कमी बनी वजह
लंबे समय से सोनोग्राफी जांच सेवाएं बंद होने की शिकायतों पर डॉ. वर्मा ने बताया कि मशीनें उपलब्ध हैं, लेकिन रेडियोलॉजिस्ट की कमी के कारण जांच नहीं हो पा रही है।
उन्होंने कहा कि जल्द ही रेडियोलॉजिस्ट नियुक्त कर जांच सेवाओं को फिर से शुरू किया जाएगा। इसके साथ ही, राउंड-द-क्लॉक ड्यूटी सिस्टम लागू करने की योजना बनाई जा रही है।
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रात के समय मरीजों की आवश्यकता को देखते हुए ‘ऑन कॉल रेडियोलॉजिस्ट व्यवस्था’ भी शुरू की जाएगी ताकि गंभीर मरीजों की जांच में देरी न हो।
लापरवाह कर्मचारियों पर होगी कार्रवाई
डॉ. सुरेंद्र वर्मा ने स्पष्ट कहा कि जो कर्मचारी ड्यूटी पर समय से उपस्थित नहीं होते या लापरवाही बरतते हैं, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
उन्होंने कहा कि मरीजों की जान से जुड़ी किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
