बीकानेर नगर निगम प्रशासन द्वारा सफाई कर्मचारियों को निर्वाचन विभाग की एसआईआर (Special Intensive Revision) प्रक्रिया में लगाने के आदेश के बाद अब विवाद खड़ा हो गया है। कांग्रेस नेता नितिन वत्सस ने इस फैसले का तीखा विरोध करते हुए कहा कि पहले से ही शहर की सफाई व्यवस्था चरमराई हुई है, ऐसे में यह निर्णय बीकानेर को फिर से गंदगी में डुबो देगा।
“सफाई व्यवस्था पहले से लचर, अब पूरी तरह ठप हो जाएगी”
वत्सस ने कहा कि नगर निगम आयुक्त मयंक मनीष द्वारा 300 से अधिक सफाई कर्मचारियों को बीएलओ के साथ एसआईआर कार्य में लगाया गया है, जो कि एक अव्यवहारिक निर्णय है।
उन्होंने कहा कि “बीकानेर, जिसे हजार हवेलियों का शहर कहा जाता है, इन दिनों देशी-विदेशी पर्यटकों से भरा हुआ है। ऐसे समय में सफाई कर्मियों को उनके मूल कार्य से हटाकर चुनावी कार्य में लगा देना शहर की छवि को नुकसान पहुंचाएगा।”
“भाजपा सरकार का निर्णय समझ से परे”
कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया कि यह फैसला भाजपा सरकार की प्रशासनिक नासमझी का उदाहरण है।
वत्सस ने कहा, “जहां शहर में सफाई कर्मचारियों की संख्या बढ़ाने की जरूरत थी, वहां उल्टा उन्हें बीएलओ कार्य में लगा दिया गया। इससे न सिर्फ सफाई व्यवस्था बिगड़ेगी, बल्कि शहर के स्वास्थ्य व स्वच्छता पर भी विपरीत प्रभाव पड़ेगा।”
विरोध प्रदर्शन की चेतावनी
नितिन वत्सस ने निगम प्रशासन और जिला प्रशासन को चेतावनी दी कि यदि यह आदेश तुरंत वापस नहीं लिया गया, तो कांग्रेस कार्यकर्ता और सफाई कर्मचारी सड़क पर उतरकर विरोध प्रदर्शन करेंगे।
उन्होंने कहा कि प्रशासन को चाहिए कि सफाई कर्मचारियों को उनके मूल कार्य पर लौटाया जाए ताकि बीकानेर की सफाई व्यवस्था सुचारु रूप से चल सके।
