नई दिल्ली, 6 नवंबर 2025:
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने एक बार फिर रिलायंस एडीए समूह के चेयरमैन अनिल अंबानी को समन जारी किया है। एजेंसी ने उन्हें 14 नवंबर को तलब किया है, ताकि उनसे कथित बैंक लोन धोखाधड़ी और धन शोधन (मनी लॉन्ड्रिंग) मामले में पूछताछ की जा सके।
यह समन ऐसे समय में आया है जब ईडी ने हाल ही में अंबानी समूह की कई कंपनियों से जुड़ी करीब 7,500 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क की थी।
अगस्त में भी हुई थी पूछताछ
सूत्रों के अनुसार, 66 वर्षीय उद्योगपति अनिल अंबानी से अगस्त 2025 में भी ईडी ने पूछताछ की थी। उस समय एजेंसी ने उनसे बैंक ऋण और फंड ट्रांसफर से जुड़ी वित्तीय गतिविधियों पर विस्तृत जानकारी मांगी थी।
ईडी ने अब उनसे भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) द्वारा दिए गए ऋण से जुड़े कथित धन शोधन मामले को लेकर पूछताछ करने की तैयारी की है।
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7,500 करोड़ रुपये की संपत्ति हुई थी कुर्क
ईडी ने 3 नवंबर को की गई कार्रवाई में अनिल अंबानी से जुड़ी कई कंपनियों की लगभग ₹7,500 करोड़ की संपत्ति अटैच की थी। यह कार्रवाई सीबीआई द्वारा दर्ज एक प्राथमिकी (FIR) के आधार पर की गई थी।
सीबीआई की यह एफआईआर भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 120-B (आपराधिक षड्यंत्र), 406 (आपराधिक विश्वासघात), 420 (धोखाधड़ी) और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 की धारा 13(2) सहपठित धारा 13(1)(D) के तहत दर्ज की गई थी।
रिलायंस समूह का पक्ष
कुर्की की कार्रवाई के बाद रिलायंस एडीए समूह की सूचीबद्ध कंपनियों ने स्टॉक एक्सचेंज को जानकारी दी थी कि ईडी द्वारा कुर्क की गई ज्यादातर संपत्तियां रिलायंस कम्युनिकेशंस से संबंधित हैं।
कंपनी की ओर से कहा गया कि “रिलायंस कम्युनिकेशंस इस समय समाधान पेशेवर (RP) और भारतीय स्टेट बैंक के नेतृत्व वाली ऋणदाताओं की समिति (CoC) के नियंत्रण में है। इसलिए ईडी की कार्रवाई से कंपनी के संचालन पर प्रत्यक्ष प्रभाव नहीं पड़ेगा।”
क्या है मामला
मामला कथित रूप से उस समय का है जब अंबानी समूह की कुछ कंपनियों ने सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों से हजारों करोड़ रुपये के लोन लिए थे। ईडी को संदेह है कि इन लोन की राशि का उपयोग अन्य उद्देश्यों के लिए किया गया, जिससे धन शोधन (Money Laundering) के संकेत मिले हैं।
इससे पहले भी एजेंसी ने अनिल अंबानी से विदेशी निवेश और संपत्तियों के बारे में कई सवाल पूछे थे।
