क्या दिल्ली का नाम बदलेगा? VHP ने इंद्रप्रस्थ नाम रखने की उठाई मांग
देश की राजधानी दिल्ली एक बार फिर से नाम परिवर्तन को लेकर चर्चा में है। विश्व हिंदू परिषद (VHP) ने दिल्ली का नाम बदलकर ‘इंद्रप्रस्थ’ करने की मांग उठाई है। इस संबंध में VHP के दिल्ली प्रांत के सचिव सुरेंद्र कुमार गुप्ता ने राज्य मंत्री कपिल मिश्रा को एक औपचारिक पत्र लिखा है।
गुप्ता ने पत्र में लिखा है कि दिल्ली का नाम बदलकर “इंद्रप्रस्थ” कर देना चाहिए ताकि यह अपने प्राचीन वैदिक इतिहास और सांस्कृतिक विरासत से फिर से जुड़ सके। उन्होंने तर्क दिया कि नाम केवल प्रतीक नहीं होते, बल्कि वे राष्ट्र की चेतना, गौरव और पहचान को भी दर्शाते हैं।
नाम में बदलाव की मांग के पीछे क्या है तर्क?
पत्र में सुरेंद्र कुमार गुप्ता ने कहा:
“जब हम ‘दिल्ली’ कहते हैं तो हम महज 2,000 साल की बात करते हैं, लेकिन ‘इंद्रप्रस्थ’ कहने पर हम 5,000 वर्षों के इतिहास और महाभारत काल के गौरव से जुड़ते हैं।”
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उनके अनुसार, इस बदलाव से लोगों में राष्ट्रीय गौरव और सांस्कृतिक पहचान की भावना मजबूत होगी। उन्होंने इसे केवल नाम परिवर्तन नहीं, बल्कि ऐतिहासिक पुनरुद्धार की दिशा में एक कदम बताया।
VHP की प्रमुख मांगें:
VHP ने सिर्फ दिल्ली का नाम बदलने की नहीं, बल्कि उससे जुड़े कई प्रमुख स्थलों के नाम बदलने की भी मांग की है:
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इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा → इंद्रप्रस्थ अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा
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नई दिल्ली रेलवे स्टेशन → इंद्रप्रस्थ रेलवे स्टेशन
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शाहजहानाबाद विकास बोर्ड → इंद्रप्रस्थ विकास बोर्ड
इतिहास और स्मारकों पर भी फोकस
VHP ने यह भी सुझाव दिया है कि दिल्ली में मुस्लिम आक्रमणकारियों के स्मारकों के पास पांडव काल, हिंदू ऋषियों और वीर नायकों से जुड़े स्थलों और स्मारकों को शामिल किया जाए।
गुप्ता ने दावा किया कि ये सुझाव हाल ही में दिल्ली में आयोजित ‘इंद्रप्रस्थ पुनरुद्धार संकल्प सभा’ में रखे गए थे, जहां कई संगठनों और आम जनता ने भाग लिया।
राजा हेमचंद्र विक्रमादित्य का स्मारक बनाने की मांग
VHP ने एक और ऐतिहासिक पहल करते हुए दिल्ली में राजा हेमचंद्र विक्रमादित्य के नाम पर एक भव्य स्मारक बनाए जाने की मांग रखी है। इसके साथ ही एक राजा हेमचंद्र विक्रमादित्य सैन्य विद्यालय की स्थापना की भी वकालत की गई है।
इसके अलावा, उन्होंने दिल्ली के शिक्षा पाठ्यक्रम में भी पांडव काल, हेमचंद्र विक्रमादित्य और इंद्रप्रस्थ के इतिहास को शामिल करने की सिफारिश की है।
क्या नाम बदलना इतना आसान है?
हालांकि VHP की यह मांग राजनीतिक और सांस्कृतिक रूप से मजबूत प्रतीत होती है, लेकिन किसी शहर का नाम बदलने की प्रक्रिया संविधान, प्रशासनिक स्वीकृति, और जन सहमति पर निर्भर करती है।
राजधानी होने के नाते दिल्ली का नाम बदलना एक जटिल और बहु-स्तरीय प्रक्रिया है, जिसमें:
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केंद्र सरकार की मंजूरी
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संसद में प्रस्ताव
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स्थानीय निकायों और जनता की सहमति
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ऐतिहासिक और कानूनी प्रमाणों की समीक्षा
शामिल होती है।