बीकानेर शहर में आवारा पशुओं की बढ़ती संख्या अब आम जनजीवन के लिए एक गंभीर चुनौती बन चुकी है। आए दिन सड़कों पर घूमते इन पशुओं से दुर्घटनाएं होना अब आम बात हो गई है। इन पशुओं के मालिक उन्हें खुला छोड़ देते हैं, जिससे वे राहगीरों और वाहन चालकों के लिए परेशानी का कारण बनते हैं।
पिछली रात एक ऐसी ही घटना सामने आई जब राजकुमार नामक युवक अपने काम से लौटते समय, स्कूल के पास दो सांडों की लड़ाई की चपेट में आ गया और बुरी तरह घायल हो गया। गनीमत रही कि उसने सतर्कता दिखाते हुए किसी तरह खुद को बचा लिया। यदि उसकी जगह कोई वृद्ध व्यक्ति होता, तो शायद परिणाम घातक हो सकते थे।
यह केवल एक उदाहरण है, जबकि ऐसे दर्जनों मामले प्रतिदिन शहर में घटित हो रहे हैं। इन घटनाओं से न केवल लोगों की जान को खतरा है, बल्कि वाहनों की क्षति और यातायात व्यवस्था में भी अव्यवस्था देखने को मिलती है।
प्रशासन को चाहिए कि वह इस गंभीर समस्या पर शीघ्र ध्यान दे। नगर निगम को आवारा पशुओं को पकड़ने और उनके पुनर्वास के लिए ठोस योजना बनानी चाहिए। साथ ही, पशु मालिकों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई भी की जानी चाहिए ताकि वे अपने पशुओं को यूं ही सड़कों पर न छोड़ें।
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निष्कर्षतः, यदि समय रहते कदम नहीं उठाए गए तो आने वाले समय में यह समस्या और विकराल रूप ले सकती है। जनहित को ध्यान में रखते हुए प्रशासन से निवेदन है कि इस दिशा में तत्काल कार्रवाई की जाए।