श्रीगंगानगर: भूत-प्रेत का भय दिखाकर जबरन धर्म परिवर्तन, सिख गुरुओं के अपमान का आरोप
राजस्थान के श्रीगंगानगर जिले के अंतरराष्ट्रीय सीमा से सटे खाटलबाना गांव में जबरन धर्म परिवर्तन कराने का गंभीर मामला सामने आया है। आरोप है कि पीड़ित व्यक्ति को भूत-प्रेत और शैतानी आत्माओं से मुक्ति दिलाने के नाम पर पहले बहलाया गया, फिर ईसाई धर्म अपनाने के लिए मजबूर किया गया।
हिंदुमलकोट थाना पुलिस ने इस मामले में गांव के ही पिता-पुत्र सहित कई लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है। मामले की जांच की जा रही है और आरोपियों से पूछताछ भी शुरू कर दी गई है।
बीमारी के बहाने धर्म परिवर्तन का झांसा
हिंदुमलकोट पुलिस थाने के सीआई गुरमेल सिंह ने बताया कि गांव खाटलबाना निवासी सतनाम सिंह ने रिपोर्ट दर्ज करवाई है कि उसे सांस की बीमारी थी और इसी दौरान गांव के बग्गू सिंह नामक व्यक्ति ने इलाज के नाम पर उसे धार्मिक झांसे में लेने का प्रयास किया।
बग्गू सिंह ने अपने बेटे अमनदीप सिंह और अन्य साथियों को बुलाकर कहा कि सतनाम सिंह पर शैतानी आत्माओं का साया है और उसका उपचार केवल यीशु मसीह की प्रार्थना से संभव है।
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नहलाकर किया धर्म परिवर्तन का दावा
पीड़ित सतनाम सिंह के अनुसार, आरोपियों ने उसे जबरन पानी से नहलाया और यह कहकर मानसिक दबाव डाला कि अब उसका धर्म परिवर्तन हो चुका है। उसे कहा गया कि वह अब यीशु मसीह का अनुयायी बन गया है और अब से उसे ईसाई धर्म का प्रचार करना होगा।
इतना ही नहीं, पीड़ित ने यह भी आरोप लगाया कि इस पूरे घटनाक्रम के दौरान आरोपियों ने सिख धर्म गुरुओं के खिलाफ अपशब्दों का प्रयोग किया, जिससे उसकी धार्मिक भावना को गहरा आघात पहुंचा है।
घर में चल रहा था कथित प्रचार केंद्र
पुलिस की प्रारंभिक जांच में यह सामने आया है कि आरोपी बग्गू सिंह और उसका बेटा अमनदीप सिंह, अपने घर में गुप्त रूप से ईसाई धर्म प्रचार केंद्र चला रहे थे। गांव के कई लोगों ने पहले भी इस संदर्भ में संदेह व्यक्त किया था, लेकिन अब सतनाम सिंह की शिकायत के बाद मामला सामने आया है।
धार्मिक भावनाएं आहत करने का मामला दर्ज
हिंदुमलकोट थाना पुलिस ने धार्मिक भावना को ठेस पहुंचाने, जबरन धर्म परिवर्तन कराने, और अंधविश्वास फैलाने जैसी गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया है। पुलिस ने बताया कि सभी आरोपों की गहन जांच की जा रही है, और संबंधित लोगों के बयान लिए जा रहे हैं।
स्थानीय लोगों में रोष, कार्रवाई की मांग
गांव में इस घटना के बाद विरोध का माहौल है। कई लोगों का कहना है कि यदि इस प्रकार के धर्मांतरण प्रयासों पर समय रहते रोक नहीं लगाई गई, तो इससे सांप्रदायिक सौहार्द बिगड़ सकता है। ग्रामीणों ने प्रशासन से तत्काल सख्त कार्रवाई की मांग की है।