बीकानेर।
राजस्थान के सबसे बड़े सरकारी अस्पतालों में गिना जाने वाला पीबीएम हॉस्पिटल एक बार फिर सवालों के घेरे में आ गया है। इस बार मामला अस्पताल में चल रहे इलाज या लापरवाही का नहीं, बल्कि एक फर्जी डॉक्टर द्वारा मरीज से पैसे ठगने का है।
घटना मंगलवार की है जब मेडिसिन विभाग के एच वार्ड में भर्ती 65 वर्षीय अड़तालाराम को एक व्यक्ति ने डॉक्टर बनकर झांसे में लिया। उस शख्स ने खुद को अस्पताल का डॉक्टर बताते हुए मरीज से कहा कि उसे सुपरस्पेशियलिटी ब्लॉक में शिफ्ट करा दिया जाएगा जहां इलाज बेहतर मिलेगा और बेड भी ज्यादा सुविधाजनक हैं।
इस ‘ट्रांसफर’ की प्रक्रिया के नाम पर उसने ₹3,000 की मांग की। अड़तालाराम, जो पहले से ही इलाज की चिंता में थे, उस व्यक्ति के बहकावे में आ गए और ऑनलाइन पेमेंट कर दिया।
पैसे मिलते ही गायब हो गया ‘फर्जी डॉक्टर’
जैसे ही रकम ट्रांसफर हुई, वह शख्स मौके से गायब हो गया। जब काफी देर तक वह लौटकर नहीं आया, तो अड़तालाराम को शक हुआ। इसी बीच वार्ड में मौजूद समाजसेवी करण सिंह को इस पूरे वाकये की जानकारी दी गई। करण सिंह ने बिना देर किए मरीज को पीबीएम अधीक्षक के पास पहुंचाया।
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अधीक्षक ने उस मोबाइल नंबर पर कॉल किया जिस पर पैसे भेजे गए थे, लेकिन कोई वैध पहचान या कर्मचारी रिकॉर्ड सामने नहीं आया। यह स्पष्ट हो गया कि यह एक धोखाधड़ी का मामला है।
पीड़ित ने पुलिस में की शिकायत
पीड़ित ने इस फर्जीवाड़े की शिकायत स्थानीय थाने में दर्ज करवा दी है। पीबीएम प्रशासन ने भी स्पष्ट किया है कि अस्पताल का कोई डॉक्टर या स्टाफ मरीजों से इस तरह की कोई मांग नहीं करता। अधीक्षक ने भरोसा दिलाया कि दोषी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
पीबीएम में विवाद कोई नई बात नहीं
गौरतलब है कि पीबीएम अस्पताल में पहले भी बधाई के नाम पर पैसों की मांग, बाहरी लैब में जांच भेजना और दलालों की गतिविधियों जैसे कई विवाद सामने आ चुके हैं। लेकिन इस तरह फर्जी डॉक्टर बनकर ठगी की यह घटना अस्पताल प्रशासन की सुरक्षा व्यवस्था और निगरानी प्रणाली पर सवाल खड़े करती है।