बाबा रामदेव की नगरी में 641वां मेला प्रारंभ, श्रद्धालुओं का उमड़ा जनसैलाब, प्रबंधन पर सवाल
जैसलमेर जिले के ऐतिहासिक और आस्था से जुड़े नगर रामदेवरा में भादवा सुदी बीज के पावन अवसर पर 641वें वार्षिक मेले की शुरुआत सोमवार सुबह मंगला आरती के साथ हुई। जैसे ही मंदिर के पट खोले गए, हजारों श्रद्धालुओं ने बाबा रामदेव के जयकारों के साथ समाधि स्थल पर पूजा-अर्चना की। इस बार मेले में देशभर से लाखों श्रद्धालुओं के आने की संभावना जताई गई है।
वैदिक विधि से हुआ बाबा का अभिषेक
समारोह की शुरुआत मंदिर के मुख्य पुजारी पंडित कमल किशोर छंगाणी द्वारा वैदिक मंत्रोच्चार के बीच बाबा रामदेव की पूजा से हुई। बाबा का दूध, दही, शहद, इत्र और पंचामृत से अभिषेक किया गया। इस दौरान वातावरण भक्तिमय हो गया और पूरे मंदिर परिसर में “बाबा रामदेव के जयकारे” गूंज उठे।
प्रशासनिक अधिकारियों ने लिया व्यवस्थाओं का जायजा
मेले के पहले ही दिन श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ पड़ी, जिसे देखते हुए प्रशासन और पुलिस महकमा सतर्क हो गया। अतिरिक्त जिला कलक्टर परसाराम सैनी, पुलिस अधीक्षक अभिषेक शिवहरे, सीईओ रश्मि रानी, उपखंड अधिकारी लाखाराम, और अन्य अधिकारियों ने स्थल का निरीक्षण कर भीड़ नियंत्रण, जल व्यवस्था, सफाई, स्वास्थ्य सेवा और सुरक्षा प्रबंधन पर दिशा-निर्देश जारी किए।
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2000 से अधिक पुलिसकर्मी तैनात, फिर भी अव्यवस्था
हालांकि प्रशासन ने मेले के लिए 2000 से अधिक पुलिसकर्मी तैनात किए हैं, लेकिन पहले दिन ही प्रसाद विक्रेताओं द्वारा श्रद्धालु लाइनों में घुसने और अव्यवस्था फैलाने की घटनाएं सामने आईं। सुरक्षा घेरा बनाए रखने के निर्देशों के बावजूद, कई स्थानों पर भीड़ नियंत्रित करने में पुलिसकर्मी असमर्थ नजर आए।
श्रद्धालुओं की सुविधाओं पर सवाल
भीड़ बढ़ने के साथ जल और शौचालय जैसी मूलभूत सुविधाओं की कमी की शिकायतें भी सामने आईं। दूर-दराज से आए श्रद्धालु खासकर महिलाओं और बुजुर्गों को भीषण गर्मी और धक्कामुक्की के बीच दर्शन के लिए लंबा इंतजार करना पड़ा।
सांस्कृतिक कार्यक्रम और लोक आस्था की अभिव्यक्ति
मेले के दौरान रामदेवरा में विभिन्न सांस्कृतिक और धार्मिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा। इस वार्षिक आयोजन को राजस्थान की लोक परंपराओं और ग्रामीण आस्था का एक सशक्त प्रतीक माना जाता है। लोग पदयात्रा, ऊंट गाड़ियों, ट्रैक्टर ट्रॉलियों और बसों के माध्यम से दूर-दूर से रामदेवरा पहुंचते हैं।
निष्कर्ष:
641वां रामदेवरा मेला श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र बना हुआ है, लेकिन बढ़ती भीड़ और व्यवस्थागत कमजोरियों ने प्रशासन की चुनौतियों को बढ़ा दिया है। बाबा रामदेव के दर्शन के लिए उमड़ती भीड़ के बीच अब देखने वाली बात होगी कि प्रशासन कैसे सुरक्षा और श्रद्धालुओं की सुविधा के बीच संतुलन स्थापित करता है।