अलास्का बैठक से पहले ट्रंप की पुतिन को चेतावनी, यूक्रेन युद्ध बंद नहीं हुआ तो होंगे गंभीर परिणाम
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की 15 अगस्त को अलास्का में होने वाली महत्वपूर्ण बैठक से ठीक पहले ट्रंप ने रूस को कड़ी चेतावनी दी है। उन्होंने स्पष्ट किया है कि अगर रूस यूक्रेन में युद्ध नहीं रोकता, तो उसे गंभीर नतीजों का सामना करना पड़ेगा।
कैनेडी सेंटर से ट्रंप का सख्त संदेश
कैनेडी सेंटर में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में ट्रंप ने कहा कि बैठक में यदि पुतिन युद्धविराम पर सहमत नहीं होते हैं, तो अमेरिका इस पर कड़ी प्रतिक्रिया देगा।
“हमें कोई अनावश्यक बयान देने की आवश्यकता नहीं, लेकिन इतना तय है कि अगर युद्ध नहीं रुका तो इसके परिणाम बेहद गंभीर होंगे,” ट्रंप ने पत्रकारों से कहा।
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दूसरी बैठक की योजना, लेकिन शर्तों के साथ
ट्रंप ने आगे बताया कि वह पुतिन और यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की के साथ एक त्रिपक्षीय बैठक की भी संभावना तलाशेंगे, लेकिन यह तभी संभव होगी जब पहली बैठक संतोषजनक रहे।
“यदि बैठक सकारात्मक रही, तो मैं तुरंत दूसरी बैठक का समर्थन करूंगा। लेकिन अगर मुझे अपेक्षित उत्तर नहीं मिले, तो दूसरी बैठक नहीं होगी,” ट्रंप ने दो टूक कहा।
रूस ने लगाया यूक्रेन पर हमले तेज करने का आरोप
उधर, रूस के विदेश मंत्रालय ने आरोप लगाया है कि अमेरिका-रूस शिखर वार्ता के नजदीक आते ही यूक्रेन ने रूसी इलाकों पर हमले बढ़ा दिए हैं। मंत्रालय के अनुसार, पिछले सप्ताह 127 रूसी नागरिक गोलाबारी और ड्रोन हमलों का शिकार हुए, जिनमें 22 की मौत हो गई और 105 घायल हुए।
रूसी अधिकारियों का मानना है कि यूक्रेन यह दबाव बनाकर बैठक की दिशा को प्रभावित करना चाहता है।
क्या कहती है वैश्विक राजनीति?
यह बैठक ऐसे समय पर हो रही है जब यूक्रेन युद्ध को लेकर अंतरराष्ट्रीय मंचों पर कूटनीतिक हल निकालने की मांग तेज हो गई है। ट्रंप की ओर से दिया गया यह सख्त बयान संकेत देता है कि अमेरिका अब इस मसले पर कोई नरम रुख नहीं अपनाना चाहता।
यह देखना अहम होगा कि अलास्का में दोनों नेताओं के बीच क्या सहमति बनती है और क्या यह वार्ता युद्ध विराम की ओर कोई ठोस कदम साबित होती है।