नई दिल्ली:
भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने बैंकों को निर्देश दिया है कि यदि ग्राहक की मृत्यु के बाद उसके नॉमिनी या कानूनी वारिस को राशि या लॉकर की वस्तुएं देने में देरी की जाती है, तो बैंक पर भारी जुर्माना लगाया जाएगा। यह नया नियम 1 जनवरी 2026 से लागू होगा।
RBI के अनुसार, बैंक को सभी आवश्यक दस्तावेज मिलने के 15 दिन के भीतर दावा निपटाना होगा। यदि समय सीमा पार होती है, तो बैंक को दंडित किया जाएगा।
नियमों के मुख्य बिंदु:
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1. आसान प्रक्रिया:
यदि मृतक ने नॉमिनी नियुक्त किया है या खाता संयुक्त है, तो केवल तीन दस्तावेज़ देने होंगे – मृत्यु प्रमाण पत्र, क्लेम फॉर्म, और पहचान पत्र (आधार, पैन आदि)।
कोई अतिरिक्त कानूनी दस्तावेज़ नहीं मांगे जाएंगे।
2. नॉमिनी न होने की स्थिति:
₹15 लाख तक के दावे के लिए वारिसों का घोषणा पत्र, अन्य वारिसों की एनओसी और बुनियादी पहचान दस्तावेज पर्याप्त होंगे।
₹15 लाख से अधिक के लिए उत्तराधिकार प्रमाण पत्र, हलफ़नामा और गारंटर की आवश्यकता होगी।
3. लॉकर नियम:
नॉमिनी या संयुक्त धारक को तुरंत लॉकर तक पहुंच दी जाएगी।
ऐसे व्यक्ति न होने पर, कानूनी वारिस आवश्यक दस्तावेज देने के बाद लॉकर खोल सकेंगे।
लॉकर बैंक अधिकारी और गवाहों की मौजूदगी में खोला जाएगा और सामग्री का विवरण दर्ज किया जाएगा।
RBI का मानना है कि यह कदम बैंकों में पड़ी निष्क्रिय जमा राशि और बिना दावा किए पड़े लॉकर मामलों को समय पर सुलझाने में मदद करेगा, जिससे मृतक के परिवार को वित्तीय कठिनाई का सामना न करना पड़े।