


राजस्थान में खनन उद्योग ठप, 2200 क्रेशर और 10 हजार खदानें बंद
राजस्थान में पत्थर उद्योग से जुड़े संगठनों ने शुक्रवार रात 12 बजे से अनिश्चितकालीन हड़ताल की घोषणा की है। राजस्थान स्टोन क्रेशर एसोसिएशन और राजस्थान स्मॉल माइंस चेजा पत्थर लीज होल्डर एसोसिएशन के बैनर तले की गई इस हड़ताल में राज्यभर की 2200 से अधिक क्रेशर इकाइयों और लगभग 10 हजार चेजा पत्थर की खदानों ने कामकाज पूरी तरह से बंद कर दिया है।
इस अचानक आए ठप के कारण लाखों श्रमिकों की आजीविका पर संकट गहराने लगा है। साथ ही, निर्माण कार्यों के लिए जरूरी सामग्री जैसे रोड़ी और चुनाई पत्थर की आपूर्ति बाधित हो गई है, जिससे मकान और सड़क निर्माण कार्यों पर भी सीधा असर पड़ने की आशंका है।
क्या हैं एसोसिएशन की मांगें?
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एसोसिएशन के संरक्षक पवन शर्मा और अध्यक्ष योगेश कटारा के अनुसार, सरकार को लगातार समस्याओं से अवगत कराया जा रहा था, लेकिन सुनवाई नहीं हुई। उनका कहना है कि सरकार केवल राजस्व वसूली में लगी हुई है, जबकि छोटे उद्योगों की समस्याओं पर उसका कोई ध्यान नहीं है।
मुख्य मांगें:

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अव्यवहारिक नियमों की समीक्षा
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आवश्यक संशोधन
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उद्योग प्रतिनिधियों से सीधी बातचीत
हड़ताल का प्रभाव बढ़ता जा रहा है
खनन से जुड़े सभी कार्य ठप हो जाने से ट्रांसपोर्ट, निर्माण और मजदूरी पर आधारित लाखों परिवारों पर असर पड़ने लगा है। यदि सरकार जल्द कोई समाधान नहीं निकालती, तो इसका प्रभाव राज्य की अर्थव्यवस्था पर भी दिखने लगेगा।
सरकार से अपील:
एसोसिएशन ने राज्य सरकार से मांग की है कि वह सकारात्मक कदम उठाकर खनन उद्योग को फिर से पटरी पर लाए, ताकि लाखों श्रमिकों को राहत मिल सके और निर्माण कार्य भी बाधित न हो।