

बीकानेर: हर सप्ताह बच्चों को आयरन की गोली देना होगा सुनिश्चित, 50% से कम उपलब्धि पर होगी चार्जशीट
बीकानेर। जिला कलेक्टर नम्रता वृष्णि ने शनिवार को आयोजित जिला स्वास्थ्य समिति की बैठक में निर्देश दिए कि जिले के प्रत्येक बच्चे और किशोर को हर सप्ताह आयरन की गोली उपलब्ध कराई जाए। इसके लिए स्वास्थ्य, शिक्षा और आईसीडीएस विभाग को पूर्ण समन्वय के साथ कार्य करने को कहा गया।
कलेक्टर ने कहा कि अगले माह जिन अधिकारियों की उपलब्धि 50% से कम पाई जाएगी, उनके विरुद्ध चार्जशीट की कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने सीएमएचओ डॉ. पुखराज साध को इस संबंध में कार्रवाई के निर्देश दिए।
उन्होंने कहा कि नीली और गुलाबी आयरन गोली तथा आयरन सिरप को सभी विद्यालयों और आंगनबाड़ी केंद्रों तक पहुंचाने के लिए राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम और ममता एक्सप्रेस के वाहनों की रूट चार्ट और कैंप प्लान से समन्वय किया जाए। आवश्यकता पड़ने पर नियमानुसार एंबुलेंस का उपयोग भी किया जा सकता है, लेकिन बच्चों तक दवा की उपलब्धता सुनिश्चित हो।
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स्टॉप डायरिया अभियान की समीक्षा करते हुए कलेक्टर ने कहा कि बच्चों को हाथ धोने के सही तरीके सिखाने के लिए जिला परिषद, शिक्षा विभाग और आईसीडीएस को जोड़ते हुए अलग से जिला स्तरीय अभियान चलाया जाए।

मातृ-शिशु स्वास्थ्य सेवाओं की समीक्षा करते हुए उन्होंने कहा कि सभी गर्भवती महिलाओं का 12 सप्ताह के भीतर एएनसी पंजीकरण अनिवार्य रूप से किया जाए। इसके साथ ही मुख्यमंत्री आयुष्मान आरोग्य योजना, जननी सुरक्षा योजना, लाडो प्रोत्साहन योजना, डिजिटल हेल्थ मिशन, मिशन कर्मयोगी, मौसमी बीमारियां और गैर-संक्रामक रोग नियंत्रण कार्यक्रमों की ब्लॉकवार समीक्षा कर शत-प्रतिशत उपलब्धि सुनिश्चित की जाए।
बैठक में सीएमएचओ डॉ. पुखराज साध ने सभी स्वास्थ्य सेवाओं की प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत की। नोखा ब्लॉक में एक मातृ मृत्यु की विस्तृत समीक्षा भी की गई।
इस अवसर पर डिप्टी सीएमएचओ डॉ. योगेंद्र तनेजा, डॉ. लोकेश गुप्ता, डॉ. राजेश गुप्ता, डॉ. चंद्रशेखर मोदी, डॉ. नवल किशोर गुप्ता, डीपीएम सुशील कुमार, यूएनडीपी के योगेश शर्मा सहित अन्य अधिकारी मौजूद रहे। पीबीएम अस्पताल के डॉ. गौरी शंकर जोशी, एसडीएम अस्पताल के डॉ. सुनील हर्ष, और डीएच नोखा के अधीक्षक भी बैठक में शामिल हुए।