

चित्तौड़गढ़: सांवलिया सेठ को गुमनाम भक्तों से मिले अनोखे और कीमती चढ़ावे
राजस्थान के चित्तौड़गढ़ जिले के मांडफिया स्थित सांवलिया सेठ मंदिर में भक्तों की आस्था के कई अद्भुत रंग देखने को मिलते हैं। मंदिर में जहां आम भक्त दीपक और मिठाई जैसी पारंपरिक चीजें चढ़ाते हैं, वहीं कुछ गुमनाम श्रद्धालु ऐसे भी हैं जो करोड़ों की कीमत के अनोखे चढ़ावे चुपचाप मंदिर के हवाले कर जाते हैं। यह चढ़ावे न केवल मूल्यवान होते हैं, बल्कि हर एक के पीछे एक खास भावनात्मक या आध्यात्मिक कहानी भी होती है।
साढ़े तीन किलो चांदी की पोशाक
अक्टूबर 2024 में मध्यप्रदेश के नीमच से आए एक गुमनाम श्रद्धालु ने सांवलिया सेठ को एक विशेष पोशाक भेंट की, जिसे लगभग साढ़े तीन किलो चांदी से तैयार किया गया था। इस पोशाक पर सुनहरी पॉलिश की गई थी। मंदिर प्रशासन के अनुसार यह पोशाक न केवल मूल्यवान थी, बल्कि बेहद दुर्लभ भी मानी जाती है।
सोने का एक किलो बिस्किट
दिसंबर 2024 में एक अनाम भक्त ने मंदिर ट्रस्ट को शुद्ध सोने का एक किलो वजनी बिस्किट सौंपा। बताया गया कि इस श्रद्धालु की एक बड़ी मनोकामना पूरी हुई थी, जिसके बाद उसने यह चढ़ावा बिना नाम उजागर किए भेंट किया। मंदिर प्रशासन ने इसे सीधा मंदिर कोष में सुरक्षित रख लिया।
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चांदी की हथकड़ी – एक मन्नत की पूर्ति का प्रतीक
25 सितंबर 2021 को एक खास चढ़ावे की चर्चा पूरे क्षेत्र में रही, जब एक व्यक्ति ने चांदी से बनी हथकड़ी मंदिर में चढ़ाई। बताया गया कि वह व्यक्ति किसी आपराधिक मामले में फंस गया था और उसने मन्नत मांगी थी कि यदि वह जेल जाने से बच गया, तो सांवलिया सेठ को हथकड़ी भेंट करेगा। उसकी मन्नत पूरी हुई और उसने वादा निभाया।
चांदी और लकड़ी से बना रथ और पालकी
पिछले वर्ष अक्टूबर में गुजरात से दो श्रद्धालु मंदिर पहुंचे और सांवलिया सेठ के लिए एक भव्य रथ और पालकी भेंट कर गए। यह रथ चांदी और लकड़ी से बना था, जिसमें करीब 23 किलो चांदी का प्रयोग हुआ। इसका उपयोग मंदिर की विशेष शोभायात्राओं में किया जाता है।