

राजस्थान के 14 लाख छात्रों को अब मिलेंगे 800 रुपये
राजस्थान सरकार ने सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले छात्रों को यूनिफॉर्म और स्कूल बैग के लिए दी जाने वाली 800 रुपये की सहायता राशि के वितरण में आई रुकावट को दूर करने के लिए बड़ा कदम उठाया है। अभी तक लगभग 14 लाख छात्रों के खातों में यह राशि नहीं पहुंच सकी थी, जिसके पीछे तकनीकी कारणों को जिम्मेदार माना गया।
70 लाख छात्रों को मिलनी थी सहायता
प्रदेश सरकार ने कक्षा 1 से 8 तक के सभी विद्यार्थियों और कक्षा 9 से 12 तक की छात्राओं को यूनिफॉर्म (सिलाई सहित) और स्कूल बैग खरीदने के लिए 800 रुपये प्रति छात्र देने का निर्णय लिया था। यह राशि डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBT) के माध्यम से छात्रों के बैंक खातों में भेजी जा रही है। योजना का उद्देश्य है कि आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के बच्चे भी आत्मसम्मान के साथ शिक्षा से जुड़ सकें।
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जनाधार से लिंकिंग में बाधा
अब तक करीब 70 लाख पात्र छात्रों में से 14 लाख बच्चों के खाते जनाधार से लिंक और अधिप्रमाणित नहीं हो पाए हैं। यही तकनीकी खामी योजना के लाभ में सबसे बड़ी बाधा बन रही है।
शिक्षा विभाग का सख्त रुख

शिक्षा विभाग ने इस मामले में अब सख्ती बरती है। सभी जिला शिक्षा अधिकारियों और जिला परियोजना समन्वयकों को निर्देश दिए गए हैं कि वे जल्द से जल्द शेष बच्चों का जनाधार सत्यापन ‘शाला दर्पण पोर्टल’ पर पूरा कराएं। इसके लिए स्कूल स्तर पर भी निगरानी बढ़ाई गई है। किसी भी स्तर पर लापरवाही मिलने पर संबंधित अधिकारी के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।
अभियान चलाकर जागरूक किया जाएगा
राज्य सरकार ने यह भी निर्देश दिए हैं कि ऐसे विद्यार्थी जिनका जनाधार अब तक नहीं बना या लिंक नहीं हो पाया है, उनके लिए विशेष अभियान चलाया जाए। छात्रों और उनके अभिभावकों को जागरूक किया जाए, ताकि कोई भी बच्चा योजना के लाभ से वंचित न रहे।
सरकार की मंशा: कोई बच्चा न छूटे
राज्य सरकार चाहती है कि सभी पात्र बच्चों तक यह आर्थिक सहायता पहुंचे और कोई भी विद्यार्थी संसाधनों की कमी के कारण हीन भावना का शिकार न हो। इसीलिए अब डीबीटी प्रक्रिया पर सीधी निगरानी रखी जा रही है और हर स्तर पर जवाबदेही तय की जा रही है।