


बीकानेर। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गुरुवार को बीकानेर के पलाना में जनसभा को संबोधित करते हुए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ का जिक्र करते हुए कहा कि दुनिया ने देख लिया है कि जब किसी बहन-बेटी का सिंदूर बारूद बनता है, तो उसका परिणाम कितना घातक होता है। मोदी ने स्पष्ट किया कि जो हमारी बहनों की मांग उजाड़ेंगे, उन्हें हमारी सेना मिट्टी में मिला देगी।
प्रधानमंत्री ने कहा कि 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले में जब बहनों का सिंदूर मिटाया गया, तब देश के 140 करोड़ लोगों का दिल छलनी हो गया। हमने प्रण लिया कि जिन्होंने ऐसा किया, उन्हें छोड़ा नहीं जाएगा। इसके बाद तीनों सेनाओं को पूरी छूट दी गई और उन्होंने वह कर दिखाया, जो देश की जनता की अपेक्षा थी। प्रधानमंत्री ने बताया कि हमले के ठीक एक महीने बाद, 22 मई को, आतंकियों के 9 सबसे बड़े ठिकाने 22 मिनट में तबाह कर दिए गए।
सियासी और सामरिक रूप से अहम दौरा
मोदी ने ऑपरेशन सिंदूर के बाद पहली बार बीकानेर की वीर भूमि का दौरा किया। पाकिस्तान सीमा के पास स्थित देशनोक में उन्होंने करणी माता मंदिर में दर्शन किए, रेलवे स्टेशन का उद्घाटन किया, और 103 अमृत भारत स्टेशनों का लोकार्पण किया। इसके अलावा 26 हजार करोड़ रुपये के विकास कार्यों का उद्घाटन और शिलान्यास भी किया गया।
सभास्थल पर हुआ भावनात्मक पल
सभा स्थल पर सुमित्रा नाम की महिला ने प्रधानमंत्री को बैलगाड़ी का मॉडल भेंट किया और उनके पैर छूने की कोशिश की। इस पर मोदी खुद झुक गए और उन्हें ऐसा न करने के लिए कहा। इसके बाद प्रधानमंत्री ने महिला को प्रणाम किया।
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सीमा पार के दुश्मनों को चेतावनी
प्रधानमंत्री मोदी ने पाकिस्तान को दो टूक शब्दों में कहा कि वह भारत से सीधी लड़ाई में कभी नहीं जीत सकता, इसलिए आतंकवाद को हथियार बना लिया है। लेकिन अब हालात बदल चुके हैं। अब भारत डरने वाला नहीं, बल्कि आतंकवाद को उसके स्रोत पर खत्म करने वाला देश बन चुका है।
उन्होंने कहा कि एटम बम की गीदड़ भभकियों से भारत डरने वाला नहीं है। अब हम आतंकियों और उन्हें संरक्षण देने वालों में फर्क नहीं करेंगे। पाकिस्तान का ‘स्टेट’ और ‘नॉन-स्टेट’ का खेल अब नहीं चलेगा।

न्याय का नया स्वरूप: ऑपरेशन सिंदूर
मोदी ने कहा कि यह सिर्फ बदले की कार्रवाई नहीं है, यह न्याय का नया स्वरूप है। पहले हमने घर में घुसकर मारा था, अब सीधा सीने पर वार किया है। आतंक का फन कुचलना ही अब नए भारत की नीति और रीति है।
उन्होंने दोहराया कि जो सिंदूर मिटाने निकले थे, उन्हें अब मिट्टी में मिला दिया गया है। भारत अब चुप बैठने वाला नहीं है। यह वही भारत है जिसने पांच साल पहले एयरस्ट्राइक के बाद चूरू की धरती से कहा था—”सौगंध मुझे इस मिट्टी की, मैं देश नहीं झुकने दूंगा।”
पहलगाम की पीड़ा, राष्ट्र का प्रण
प्रधानमंत्री ने कहा कि आतंकियों ने धर्म पूछकर हमारी बहनों की मांग का सिंदूर मिटाया था। उन्होंने जो किया, उसके जवाब में देश ने एक स्वर में प्रतिशोध नहीं, बल्कि न्याय का संकल्प लिया और अब वह संकल्प पूरा हो चुका है।
बीकानेर की यह सभा सिर्फ भाषण नहीं, बल्कि आने वाले समय में भारत की नीति और दृष्टिकोण का स्पष्ट संकेत बन गई है।