


परमाणु वार्ता के बीच अमेरिका ने लगाए नए प्रतिबंध, ईरान ने जताई कड़ी आपत्ति
वाशिंगटन/तेहरान। अमेरिका और ईरान के बीच परमाणु मुद्दे को लेकर चल रही वार्ताओं के बीच एक बार फिर तनाव बढ़ गया है। अमेरिका ने सोमवार को ईरान पर नए प्रतिबंध लगाए हैं, जिनका सीधा असर ईरान के परमाणु अनुसंधान नेटवर्क पर पड़ेगा। वहीं, ईरान ने इन प्रतिबंधों को अनुचित बताते हुए अपने परमाणु कार्यक्रम को शांतिपूर्ण और नागरिक उपयोग के लिए आवश्यक बताया है।
ईरान के नए राष्ट्रपति मसूद पेजेशकियन ने अमेरिकी मांगों को खारिज करते हुए कहा, “हमारा परमाणु कार्यक्रम पूरी तरह शांतिपूर्ण है और हम इसे किसी भी दबाव में नहीं छोड़ेंगे।” उन्होंने अमेरिका की उस मांग को सिरे से खारिज कर दिया जिसमें तेहरान से परमाणु गतिविधियों को समाप्त करने की बात कही गई थी।
इस बीच, ईरानी विदेश मंत्री सईद अब्बास अरागची ने वार्ता को “जटिल लेकिन रचनात्मक” बताया और कहा कि बातचीत अब सामान्य बयानों से आगे बढ़कर ठोस प्रस्तावों तक पहुंच चुकी है। उन्होंने उम्मीद जताई कि मतभेदों को सुलझाने के लिए समाधान खोजे जा सकते हैं।
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अमेरिका ने जिन संगठनों और व्यक्तियों पर प्रतिबंध लगाए हैं, वे “सामूहिक विनाश के हथियारों के प्रसार में सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं” या ऐसा करने का जोखिम पैदा कर रहे हैं। इनमें SPND (Organization of Defensive Innovation and Research) भी शामिल है, जिसे अमेरिका ईरान के पुराने ‘अमाद प्रोजेक्ट’ का उत्तराधिकारी मानता है।
ईरानी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता एस्माईल बाकेई ने बताया कि ईरान और अमेरिका के बीच अप्रत्यक्ष वार्ता का चौथा दौर पूरा हो गया है। उन्होंने इस बातचीत को “मुश्किल लेकिन जरूरी” बताया। ओमान अगले दौर की वार्ता का समन्वय करेगा।
वर्तमान हालात में, दोनों देशों के बीच कूटनीतिक संतुलन बनाए रखना चुनौतीपूर्ण बना हुआ है। हालांकि, दोनों पक्षों ने बातचीत जारी रखने पर सहमति जताई है, जिससे उम्मीद बनी हुई है कि भविष्य में किसी समाधान तक पहुंचा जा सकेगा।