


CET पात्रता में बदलाव की तैयारी, बढ़ सकती है अंक सीमा
राजस्थान सरकार अब समान पात्रता परीक्षा (CET) के पात्रता नियमों में बदलाव करने की तैयारी में है। सरकार द्वारा 60 प्रतिशत अंक अनिवार्य करने के प्रस्ताव पर विचार किया जा रहा है। वर्तमान में सामान्य वर्ग के लिए 40 प्रतिशत और आरक्षित वर्ग के लिए 5 प्रतिशत की छूट के साथ 35 प्रतिशत अंक की पात्रता मान्य है।
अब 60 प्रतिशत अंकों की अनिवार्यता संभव:
कार्मिक विभाग ने इस विषय में प्रस्ताव तैयार करना शुरू कर दिया है, जिसमें सुझाव दिया गया है कि सामान्य वर्ग के लिए न्यूनतम 60 प्रतिशत अंक लाने की अनिवार्यता हो सकती है। वहीं, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग और आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों को अधिकतम 5 प्रतिशत की छूट देने का प्रस्ताव भी शामिल है।
रीट में पहले से लागू है 60 प्रतिशत नियम:
गौरतलब है कि रीट (REET) परीक्षा में पहले से ही सामान्य वर्ग के लिए 60 प्रतिशत अंक की शर्त लागू है और आरक्षित वर्गों को 5 प्रतिशत की छूट दी जा रही है। इसी तर्ज पर अब CET परीक्षा के लिए भी यही मानक तय करने की प्रक्रिया शुरू की गई है।

मुख्यमंत्री के निर्देश पर हो रही कार्रवाई:
हाल ही में मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की अध्यक्षता में आयोजित उच्च स्तरीय बैठक में सभी विभागों से लंबित और प्रक्रियाधीन भर्तियों की समीक्षा की गई। इसमें मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि भर्तियों की प्रक्रिया में पारदर्शिता और गुणवत्ता बढ़ाने के लिए CET पात्रता में संशोधन की आवश्यकता है। इसी क्रम में कार्मिक विभाग को प्रस्ताव तैयार कर परीक्षण करने के निर्देश दिए गए हैं।
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रिक्त पदों का आंकलन और पोर्टल की योजना:
बैठक में सभी विभागों को अगले चार वर्षों में सेवानिवृत्ति के कारण खाली होने वाले पदों की गणना करने और रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए हैं। साथ ही, निजी क्षेत्र में 6 लाख रोजगार सृजित करने की दिशा में भी कार्य करने के निर्देश श्रम, कौशल, रोजगार व उद्यमिता विभाग को दिए गए हैं।
भर्ती प्रक्रिया को एकीकृत रूप से मॉनिटर करने के लिए कार्मिक विभाग एक पोर्टल विकसित करेगा, जिसमें सभी विभागों की भर्तियों की जानकारी उपलब्ध रहेगी।