


राजस्थान में 21 साल पहले हटाए गए लोक जुम्बिश योजना के 748 कर्मचारियों के लिए बड़ी खुशखबरी है। सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को राजस्थान सरकार की विशेष अनुमति याचिका खारिज कर दी, जिससे इन कर्मचारियों का सर्व शिक्षा अभियान में समायोजन का रास्ता साफ हो गया। अब इन कर्मचारियों को नियमित वेतनमान पर नौकरी मिलेगी।
क्या है मामला?
राजस्थान सरकार ने लोक जुम्बिश योजना के तहत कर्मचारियों की नियुक्ति प्लेसमेंट एजेंसी के माध्यम से की थी। 2004 में इन कर्मचारियों को हटा दिया गया, जिसके बाद वे लगातार कानूनी लड़ाई लड़ रहे थे।
सुप्रीम कोर्ट ने क्यों दिया यह फैसला?
- राजस्थान हाईकोर्ट ने 2007 में और 2018 में इन कर्मचारियों के पक्ष में फैसला दिया था।
- हाईकोर्ट ने माना कि ये कर्मचारी आवश्यक शैक्षणिक कार्य कर रहे थे और समान अवसर पाने के हकदार हैं।
- सरकार ने 948 अन्य कर्मचारियों को समायोजित कर लिया था, जिससे इन कर्मचारियों के साथ भेदभाव नहीं किया जा सकता।
सरकार का पक्ष क्या था?
राजस्थान सरकार की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता शिवमंगल शर्मा ने दलील दी कि चूंकि ये कर्मचारी प्लेसमेंट एजेंसी के माध्यम से भर्ती हुए थे, इसलिए इन्हें सीधे समायोजन का अधिकार नहीं है।

कर्मचारियों को क्या मिलेगा?
अब 748 कर्मचारियों को स्थायी नौकरी मिलेगी और वे नियमित वेतनमान पर कार्यरत हो सकेंगे। सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से वर्षों से संघर्ष कर रहे कर्मचारियों को राहत मिली है।