


ट्रैफिक सिग्नल से यातायात ठप, विज्ञापन से हो रही कमाई
बीकानेर में यातायात प्रबंधन के नाम पर ट्रैफिक सिग्नल तो लगाए गए, लेकिन उनकी उपयोगिता पर सवाल उठ रहे हैं। निजी फर्म को ट्रैफिक लाइटें लगाने का ठेका दिया गया, लेकिन इनका उपयोग न के बराबर हो रहा है। अधिकांश चौराहों पर लगे सिग्नल या तो बंद पड़े हैं या फिर उनके टाइमर गलत तरीके से सेट हैं, जिससे ट्रैफिक की समस्या और बढ़ गई है। दूसरी ओर, इन ट्रैफिक लाइटों के पोल पर बड़े-बड़े विज्ञापन बोर्ड लगाए गए हैं, जिससे निजी फर्म को लगातार कमाई हो रही है, लेकिन यातायात नियंत्रण पूरी तरह ठप है।
15 स्थानों पर लाइटें, लेकिन उपयोग नहीं
शहर में कुल 16 स्थानों पर ट्रैफिक लाइटें लगाई गई हैं, लेकिन केवल म्यूजियम सर्किल पर ही लाइटें आंशिक रूप से काम कर रही हैं। वहां भी टाइमर का गलत सेटअप परेशानी का कारण बन रहा है। अन्य 15 स्थानों पर या तो लाइटें बंद हैं या फिर लोग इन्हें नजरअंदाज कर सीधे निकल जाते हैं।
व्यस्त सड़कों पर बुनियादी सुविधाओं की कमी
शहर के प्रमुख चौराहों और सड़कों पर जेब्रा क्रॉसिंग और स्टॉप लाइन जैसी बुनियादी सुविधाएं तक नहीं हैं। विशेष रूप से स्कूलों, कॉलेजों और अस्पतालों के सामने यह समस्या गंभीर बनी हुई है।
यातायात अव्यवस्था के तीन प्रमुख उदाहरण:
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म्यूजियम सर्किल (दोपहर 2:00 बजे):
- Advertisement -
- ट्रैफिक सिग्नल का टाइमर गलत
- 30 सेकंड रेड लाइट के बाद सिर्फ 15 सेकंड की ग्रीन लाइट
- वाहन चालकों के लिए असुविधा और ट्रैफिक जाम
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जूनागढ़ (दोपहर 2:30 बजे):
- ट्रैफिक लाइटें अनियमित रूप से ऑन-ऑफ होती रहती हैं
- सिग्नल का पालन कोई नहीं करता
- यातायात पुलिसकर्मी नहीं रहते मौजूद
- सीवरेज कार्य के कारण दिनभर जाम की स्थिति
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पुलिस लाइन चौराहा (शाम 6:10 बजे):
- रेड लाइट के बावजूद वाहन बिना रुके निकलते हैं
- सड़क पार करने में पैदल यात्रियों को दिक्कत
- पुलिसकर्मी केवल हेलमेट और सीट बेल्ट जांचने में व्यस्त
विज्ञापनों से बढ़ रही निजी फर्म की कमाई
ट्रैफिक लाइटें लगाने के नाम पर निजी कंपनियों को चौराहे सौंपे गए थे, लेकिन असल उद्देश्य पूरा नहीं हो पाया। चौराहों पर लगी ट्रैफिक लाइटों को विज्ञापन डिस्प्ले बोर्ड से घेर दिया गया है, जिससे फर्म को भारी मुनाफा हो रहा है। सवाल यह है कि जब लाइटें काम ही नहीं कर रही हैं, तो इस व्यवस्था की जरूरत क्यों थी?
शहर में इन स्थानों पर लगी हैं ट्रैफिक लाइटें:
हल्दीराम प्याऊ, सोफिया तिराहा, म्यूजियम सर्किल, श्रीगंगानगर सर्किल, पंडित धर्मकांटा, पूगल फांटा, पुलिस लाइन चौहारा, कुंज गेट, रानीबाजार सर्किल, आर्मी गेट, रामरतन कोचर सर्किल, जैन कॉलेज तिराहा, कोठारी हॉस्पिटल, मंडी गेट और सर्किट हाउस।
जेब्रा क्रॉसिंग का अभाव, हादसों की आशंका
शहर में शिक्षण और चिकित्सा संस्थानों के सामने जेब्रा क्रॉसिंग और रोड लाइनिंग तक नहीं है। जयपुर रोड स्थित डूंगर कॉलेज, केंद्रीय विद्यालय, एमएस कॉलेज और पीबीएम अस्पताल जैसे प्रमुख स्थानों पर भी यह सुविधा नहीं है, जिससे दुर्घटनाओं का खतरा बढ़ जाता है।
प्रशासन का दावा – जल्द सुधार होंगे
यातायात व्यवस्था सुधारने को लेकर पीडब्ल्यूडी और यातायात पुलिस का कहना है कि जल्द ही सड़कों पर रोड मार्किंग, जेब्रा क्रॉसिंग और स्टॉप लाइन का कार्य पूरा किया जाएगा। इसके अलावा, ट्रैफिक लाइटों के टाइमर को दुरुस्त कर सिग्नल प्रणाली को सुचारू किया जाएगा। हालांकि, यह कब तक होगा, इस पर कोई स्पष्टता नहीं है।