

केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) ने हाल ही में कई महत्वपूर्ण फैसले लिए हैं, जो छात्रों, शिक्षकों और स्कूलों के लिए बड़े बदलाव साबित होंगे। ये सुधार शिक्षा प्रणाली को ज्यादा लचीला, समावेशी और प्रभावी बनाने की दिशा में उठाए गए कदम हैं।
1. 10वीं की परीक्षा साल में दो बार देने का मौका
अब कक्षा 10वीं के छात्र साल में दो बार बोर्ड परीक्षा दे सकेंगे। यदि कोई छात्र पहली परीक्षा में बेहतर प्रदर्शन नहीं कर पाता, तो वह दूसरी बार परीक्षा देकर अपने अंकों में सुधार कर सकता है।
इससे परीक्षा का तनाव कम होगा। छात्रों को बेहतर प्रदर्शन का एक और अवसर मिलेगा। छात्र दूसरी परीक्षा में अपनी पसंद के विषय चुन सकेंगे।
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2. स्क्राइब्स (Scribes) को मिलेगा प्रमाण पत्र
अब विशेष आवश्यकता वाले छात्रों (CWSN) की परीक्षा में सहायता करने वाले स्क्राइब्स को औपचारिक प्रमाण पत्र दिया जाएगा।
पहले इन्हें कोई मान्यता नहीं मिलती थी। प्रमाण पत्र से भविष्य में करियर में इसका लाभ मिलेगा। यह कदम समाज में समान अवसर देने की दिशा में बड़ा प्रयास है।
3. स्कूल संबद्धता नियमों में छूट

CBSE ने स्कूलों की मान्यता (संबद्धता) प्रक्रिया आसान बना दी है। अब नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट (NOC) से जुड़े नियमों में बदलाव किया गया है।नए स्कूलों को मान्यता जल्दी और आसान प्रक्रिया के तहत मिलेगी।इससे शिक्षा संस्थानों की संख्या बढ़ेगी और ज्यादा छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिलेगी।
4. नई शाखाएं खोलने की अनुमति
अब CBSE स्कूल अपनी नई शाखाएं खोल सकते हैं। पहले इस पर सख्त नियम और जटिलताएं थीं। इससे शिक्षा का विस्तार होगा। ग्रामीण और दूर-दराज के इलाकों में स्कूल खोलना आसान होगा। ज्यादा से ज्यादा बच्चों को अच्छी शिक्षा मिल सकेगी।
CBSE के ये बदलाव क्यों अहम हैं?
✅ छात्रों को अधिक मौके और कम तनाव
✅ समाज में समान अवसर देने की पहल
✅ शिक्षा का विस्तार और गुणवत्ता में सुधार