


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मशहूर अमेरिकी पॉडकास्टर और MIT शोधकर्ता लेक्स फ्रिडमैन के साथ पॉडकास्ट में हिस्सा लिया। इस दौरान उन्होंने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के साथ अपने जुड़ाव और उसके जीवन मूल्यों पर चर्चा की।
“संघ ने मुझे जीवन का उद्देश्य सिखाया” – पीएम मोदी
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प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि वह खुद को भाग्यशाली मानते हैं कि उन्हें आरएसएस जैसे संगठन से जीवन का सार और मूल्य सीखने को मिला। उन्होंने कहा—
“जो भी करें, उसे उद्देश्यपूर्ण तरीके से करें।”
“राष्ट्र ही सर्वोपरि है, और जनता की सेवा ही भगवान की सेवा के समान है।”
उन्होंने यह भी कहा कि बचपन में संघ की सभाओं में जाना हमेशा अच्छा लगता था और उनके मन में हमेशा देश सेवा का लक्ष्य था।
RSS: दुनिया का सबसे बड़ा स्वयंसेवक संगठन
प्रधानमंत्री मोदी ने बताया कि इस साल आरएसएस अपने 100 वर्ष पूरे कर रहा है। उन्होंने कहा कि दुनिया में आरएसएस से बड़ा कोई स्वयंसेवक संगठन नहीं है और इसके कार्यों को समझना आसान नहीं है।
सेवा भारती: झुग्गी-बस्तियों की सेवा में जुटा संगठन
पीएम मोदी ने आरएसएस प्रेरित संगठनों की चर्चा करते हुए बताया कि—

“सेवा भारती” नामक संगठन झुग्गी-बस्तियों में रहने वाले गरीबों की सेवा करता है।
यह संगठन बिना किसी सरकारी सहायता के 1,25,000 सेवा परियोजनाएं चला रहा है।
विद्या भारती: शिक्षा के क्षेत्र में योगदान
विद्या भारती के तहत देशभर में 70,000 स्कूल चलाए जा रहे हैं।
यह संगठन भारतीय परंपराओं और संस्कारों पर आधारित शिक्षा को बढ़ावा देता है।
श्रमिक, युवा और महिलाओं के लिए आरएसएस की भूमिका
पीएम मोदी ने कहा कि आरएसएस ने श्रमिकों, युवाओं और महिलाओं के विकास में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उन्होंने बताया कि—
भारतीय मज़दूर संघ के देशभर में 50,000 यूनियन और लाखों सदस्य हैं, जिससे यह दुनिया का सबसे बड़ा श्रमिक संगठन बन गया है।