


होलाष्टक 2025: स्वांग मेहरी रम्मतों का अभ्यास शुरू
बीकानेर: होलाष्टक के आगमन के साथ ही होली रम्मतों की तैयारियां जोरों पर हैं। इस वर्ष अष्टमी को स्वांग मेहरी रम्मत फक्कड़दाता से रम्मतों की शुरुआत होगी। शहर के विभिन्न स्थानों पर हेडाऊ मेहरी, नौटंकी शहजादी, अमर सिंह राठौड़, भक्त पूरणमल और स्वांग मेहरी जैसी प्रसिद्ध रम्मतों का मंचन किया जाएगा।
कटाक्ष और ख्याल गीतों से भरपूर स्वांग मेहरी रम्मत
स्वांग मेहरी रम्मतें अपने तेज व्यंग्य और कटाक्ष भरे ख्याल गीतों के लिए जानी जाती हैं। बारह गुवाड़ चौक में उस्ताद दासी महाराज ओझा की स्वांग मेहरी रम्मत और कीकाणी व्यास चौक में उस्ताद जमना दास कल्ला की स्वांग मेहरी रम्मत विशेष आकर्षण का केंद्र रहेंगी। ये रम्मतें प्रेम, श्रृंगार और करारे व्यंग्य के लिए दशकों से प्रसिद्ध हैं।
रम्मतों की तैयारियां जोरों पर
उस्ताद दासी महाराज ओझा की स्वांग मेहरी रम्मत का अभ्यास वरिष्ठ कलाकारों के मार्गदर्शन में जारी है। रम्मत कलाकार विजय कुमार ओझा ने बताया कि 11 मार्च को भगवान गणेश स्वरूप के अखाड़े में पदार्पण और स्तुति गान के साथ रम्मत का शुभारंभ होगा। इस दौरान पारंपरिक गीत-नृत्यों की प्रस्तुतियां भी होंगी।
इसी तरह, कीकाणी व्यास चौक में उस्ताद जमना दास कल्ला की रम्मत का मंचन 10 मार्च की रात से शुरू होकर 11 मार्च की सुबह तक चलेगा। रम्मत कलाकार एडवोकेट मदन गोपाल व्यास के अनुसार, अखाड़े में मां लटियाल स्वरूप के पदार्पण के साथ इसकी शुरुआत होगी।
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ख्याल गीतों में राजनीतिक और सामाजिक व्यंग्य
रम्मतों में ‘ख्याल’ गीतों के माध्यम से राजनीति, शासन-प्रशासन की खामियों, बेरोजगारी, भ्रष्टाचार और समाज से जुड़े ज्वलंत मुद्दों पर व्यंग्य किए जाएंगे। “म्हारी राय भवानी जागै…” जैसे पारंपरिक चौमासा गीतों के साथ इन रम्मतों में सामाजिक और राजनीतिक कटाक्ष देखने को मिलेंगे।
रियासत काल से कायम परंपरा
उस्ताद दासी महाराज ओझा और उस्ताद जमना दास कल्ला की रम्मतें रियासत काल से अपने करारे व्यंग्य और ख्याल गीतों के लिए मशहूर हैं। बड़ी संख्या में शहरवासी इन रम्मतों का आनंद लेने पहुंचते हैं। बसंत पंचमी से जारी अभ्यास अब अंतिम चरण में है, और कलाकार मंचन के लिए पूरी तरह तैयार हैं।