बीकानेर में बर्खास्त ट्रेनी आईएएस अधिकारी पूजा खेडकर के प्रकरण के बाद संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) ने इस बार सिविल सेवा परीक्षा के आवेदन फॉर्म में महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं। यूपीएससी ने चयन प्रक्रिया की खामियों को दूर करने के लिए आवेदन फॉर्म में अभ्यर्थियों से अधिक गहराई से जानकारी मांगी है। इसमें माता-पिता की संपत्ति, ओबीसी नॉन क्रीमीलेयर, विकलांगता आदि के बारे में जानकारी देने का नया प्रावधान है।
पहले जो जानकारी मुख्य परीक्षा और साक्षात्कार से पहले दी जाती थी, अब वह प्रीलिम्स परीक्षा के आवेदन के साथ ही दी जानी होगी। यूपीएससी ने आवेदन 11 फरवरी तक मांगे हैं। इस बार आवेदन में अभ्यर्थियों को माता-पिता की नागरिकता, पेशे, वार्षिक आय, संपत्ति आदि के बारे में जानकारी देनी होगी।
बड़े बदलाव:
- ग्रेजुएशन की मार्कशीट अब मुख्य परीक्षा तक जमा की जा सकती है।
- जन्म तिथि को एक बार भरने के बाद उसमें कोई बदलाव नहीं किया जा सकेगा।
आवेदन के चार पार्ट:
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- पार्ट-1: वन टाइम रजिस्ट्रेशन
- पार्ट-2: एप्लीकेशन प्रोफाइल
- पार्ट-3: डिटेल एप्लीकेशन फॉर्म (डीएएफ)
- पार्ट-4: फीस, परीक्षा केन्द्र, हस्ताक्षर, फोटो आदि की जानकारी।
सेल्फ डिक्लेरेशन:
इस बार यूपीएससी ने पारदर्शिता बढ़ाने के लिए सेल्फ डिक्लेरेशन को भी शामिल किया है, जिससे प्रक्रिया और भी स्पष्ट हो सके।
नए बदलावों में:
- सभी जानकारी को दो बार भरना होगा।
- यदि नाम बदला है तो पुराना नाम बताना होगा।
- मोबाइल नंबर, ईमेल आईडी, नागरिकता, जन्म स्थल, आरक्षित श्रेणी आदि की जानकारी देनी होगी।
- फोटो पर तारीख और नाम होना आवश्यक है, और फोटो 10 दिन से पुराना नहीं होना चाहिए।
- 10वीं, 12वीं और ग्रेजुएशन सर्टिफिकेट अपलोड करने होंगे।
यूपीएससी ने इन बदलावों के जरिए सिविल सेवा परीक्षा की प्रक्रिया को और भी पारदर्शी और सटीक बनाने का प्रयास किया है।