


बीकानेर पुलिस ने साइबर फ्रॉड के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए करोड़ों रुपये के ठगी के मामले का खुलासा किया है। पुलिस ने इस मामले में 6 आरोपियों को गिरफ्तार किया है और उनके पास से फ्रॉड से जुड़े महत्वपूर्ण दस्तावेज बरामद किए हैं।
पुलिस की जांच और बरामदगी:
बीकानेर पुलिस अधीक्षक कावेंद्र सागर ने बताया कि आरोपियों के पास से 8 बैंक की पासबुक, 16 चेकबुक, 23 एटीएम कार्ड, और 3 अलग-अलग फर्म की सीलबंद मोहरे जब्त की गई हैं। पुलिस ने बताया कि यह गिरोह 75 बैंक खातों का इस्तेमाल करके करीब 51 करोड़ रुपये की ठगी कर चुका है। ये खाते केरल, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, कर्नाटक, तमिलनाडु, छत्तीसगढ़, गुजरात, तेलंगाना, राजस्थान, दिल्ली और मध्य प्रदेश जैसे राज्यों में खोले गए थे।
साइबर फ्रॉड की मॉडस ऑपरेंडी:
गिरफ्तार आरोपियों ने गरीब और भोले-भाले लोगों को 5,000 से 15,000 रुपये का लालच देकर बैंक खाते खुलवाए। इन खातों का इस्तेमाल साइबर फ्रॉड की राशि जमा करने और निकालने के लिए किया जाता था। आरोपी बैंक खाता किट और सिम कार्ड को अपने ऊपरी स्तर के गिरोह सदस्यों को पार्सल के जरिए भेज देते थे। इसके बाद, चेकबुक और एटीएम कार्ड के जरिए फ्रॉड की राशि निकाल ली जाती थी।
पुलिस की टीम और गिरफ्तार आरोपी:
इस मामले में पुलिस ने समर्थ सोनी, धर्मनारायण, रोहित सिंह सोलंकी, शिवनारायण सिंह, विकास बिश्नोई और गुरुदेव बिश्नोई को गिरफ्तार किया है। पुलिस टीम में खान मोहम्मद (थानाधिकारी साइबर), सुरेंद्र पचार पूनिया (थानाधिकारी जेएनवीसी), दीपक यादव (सब-इंस्पेक्टर), और अन्य कर्मचारी शामिल थे।
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प्रारंभिक जांच के नतीजे:
पुलिस ने साइबर हेल्पलाइन नंबर 1930 के जरिए 75 बैंक खातों की जांच की, जिनका इस्तेमाल 51 करोड़ 81 लाख रुपये के साइबर फ्रॉड में किया गया था। अन्य संदिग्ध खातों की जांच भी जारी है।
निष्कर्ष:
बीकानेर पुलिस की यह कार्रवाई साइबर अपराध के खिलाफ एक बड़ी सफलता है। पुलिस ने आरोपियों के जाल को उजागर करते हुए उन्हें गिरफ्तार किया है और आगे की जांच जारी है। यह मामला साइबर सुरक्षा और जागरूकता की आवश्यकता को रेखांकित करता है।