राजस्थान का पहला सरकारी स्कूल: रंगमहल में तैयार हो रहे हैं ‘शूटर’
जितेंद्र ओझा
सूरतगढ़ (श्रीगंगानगर): राइफल शूटिंग जैसे महंगे खेल को सरकारी स्कूल में संचालित करना किसी सपने से कम नहीं है। लेकिन सूरतगढ़ ब्लॉक के रंगमहल गांव स्थित राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय के शारीरिक शिक्षक मोहनलाल कूकना ने इसे हकीकत बना दिया। विद्यालय स्टाफ और ग्राम पंचायत की मदद से यहां दस मीटर शूटिंग रेंज स्थापित की गई है।
यह संभवत: राजस्थान का पहला सरकारी स्कूल है, जहां राइफल शूटिंग रेंज बनाई गई है। यह विद्यालय दो दशकों से एथलीट तैयार कर रहा है और अब तक यहां से 8 खिलाड़ी नेशनल लेवल पर और 70 से अधिक खिलाड़ी राज्य स्तरीय प्रतियोगिताओं में पदक जीत चुके हैं।
कैसे तैयार हुई शूटिंग रेंज?
मोहनलाल कूकना ने आठ महीने पहले विद्यालय के जीर्ण-शीर्ण हॉल को पंचायत की मदद से दुरुस्त कराया। इस हॉल को शूटिंग रेंज में बदलने के लिए 50 डमी पिस्टल तैयार करवाई गईं। एक पिस्टल और एक राइफल खरीदी गई। इसके बाद विद्यालय के 54 विद्यार्थियों की टीम बनाई गई, जिन्हें नियमित रूप से निशाना साधने का अभ्यास कराया गया।
पहली बार जिला स्तरीय प्रतियोगिता आयोजित
इसी सत्र में विद्यालय में पहली बार जिला स्तरीय शूटिंग प्रतियोगिता आयोजित हुई, जिसमें 54 विद्यार्थियों में से 28 ने पदक जीते। इनमें से कई छात्र स्टेट लेवल पर भी खेल चुके हैं। फिलहाल 30 विद्यार्थी नियमित रूप से शूटिंग का अभ्यास कर रहे हैं।
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अभी भी हैं सुविधाओं की कमी
कूकना का कहना है कि इस शूटिंग रेंज को तैयार करने में प्रधानाचार्य महेंद्र मुंडा, शिक्षक हरेंद्र और ग्राम पंचायत का योगदान रहा। हालांकि, यहां अभी भी बेहतर सुविधाओं और संसाधनों की जरूरत है। यदि सभी जरूरी सुविधाएं मिलें, तो यहां से ओलंपिक स्तर के खिलाड़ी तैयार किए जा सकते हैं।
शिक्षक के बच्चों ने भी कमा रखा है नाम
मोहनलाल कूकना ने अपने बच्चों को भी राइफल शूटिंग से जोड़ा। उनकी पुत्री दिशा कूकना ने नेशनल गोल्ड मेडल और ऑल इंडिया इंटर यूनिवर्सिटी में दिल्ली यूनिवर्सिटी की तरफ से खेलते हुए ओलंपियन मन्नू भाकर के साथ टीम का गोल्ड मेडल जीता है। वहीं, उनके पुत्र यशवर्धन तीन बार नेशनल स्तर पर खेल चुके हैं।