अजमेर में जातीय विवाद के बीच भारी पुलिस सुरक्षा में निकली बरात
अजमेर: राजस्थान के अजमेर जिले के लवेरा गांव में एक ऐतिहासिक घटना घटी, जब विजय रैगर ने दलित समुदाय से ताल्लुक रखते हुए अपनी बरात घोड़ी पर सवार होकर निकाली। विजय रैगर ने लवेरा गांव के निवासी नारायण खोरवाल की बेटी अरुणा से विवाह रचाया। इस बारात में पुलिस सुरक्षा का तगड़ा इंतजाम किया गया था, क्योंकि दुल्हन के परिवार ने प्रशासन से आशंका जताई थी कि ऊंची जातियों द्वारा घोड़े पर सवार बरात का विरोध किया जा सकता है।
सामाजिक समता का प्रतीक बनी शादी
यह शादी केवल एक समारोह नहीं रही, बल्कि यह सामाजिक समता और अधिकारों की लड़ाई का प्रतीक बन गई। विजय रैगर की बरात करीब 100 से अधिक पुलिस कर्मियों और अधिकारियों के सुरक्षा घेरे में निकाली गई, ताकि जातीय हिंसा या विरोध को रोका जा सके।
पुलिस सुरक्षा में घोड़ी पर निकली बरात
श्रीनगर से शुरू हुई विजय रैगर की बरात, 2:30 बजे लवेरा गांव के राजकीय आयुर्वेद औषधालय पहुंची, जहां पहले से पुलिस तैनात थी। फिर पांच ढोल वालों के साथ बरात नाचते गाते हुए वधू के घर पहुंची, जहां पारंपरिक हिंदू रीति-रिवाज से शादी की रस्में अदा की गईं।
- Advertisement -
20 साल पुराना विवाद
यह घटना 20 साल पुरानी घटना से जुड़ी हुई है। 9 जुलाई 2005 को, जब विजय रैगर के भाई नारायण लाल रैगर की बहन सुनिता की शादी में लवेरा गांव के ऊंची जाति के लोगों ने घोड़ी पर सवार बरात का विरोध किया था। उस समय भी पुलिस सुरक्षा के कड़े प्रबंध किए गए थे, लेकिन जातीय दबाव में घोड़ी को गायब कर दिया गया था। तब पुलिस ने जीप में दूल्हे को बैठाकर बरात निकाली थी।
पुलिस की सजगता ने बचाया मामला
अब इस बार पुलिस की सजगता और सुरक्षा के बीच विवाह हुआ, जिससे कोई अप्रिय घटना नहीं घटी।