बीकानेर: अपर सत्र न्यायाधीश संख्या 7 की पीठासीन अधिकारी रेणु सिंघला ने प्रेम प्रसंग के चलते प्रेमिका के पति छिनुराम की हत्या करने के आरोपी विक्रम उर्फ सदासुख को दोषी मानते हुए आजीवन कारावास और 60 हजार रुपये के अर्थदंड से दंडित किया है। यदि आरोपी ने जुर्माना जमा नहीं किया, तो उसे डेढ़ वर्ष का अतिरिक्त कठोर कारावास भुगतना पड़ेगा।
घटना का विवरण:
यह मामला 19 मई 2019 का है, जब जगाराम ने व्यास कॉलोनी पुलिस थाने में रिपोर्ट दी थी। उसमें बताया गया कि उसके छोटे भाई छिनुराम जो जामसर के दाउदसर गांव का निवासी था, अपने परिवार के साथ रिड़मलसर के एक खेत में चौकीदारी और देखभाल करता था। वहीं, छिनुराम की पत्नी राधा के रिश्ते आरोपी विक्रम उर्फ सदासुख से थे, और दोनों के बीच प्रेम प्रसंग था।
हत्या की घटना:
18 मई 2019 को छिनुराम को आरोपी ने जान से मारने की धमकी दी थी। अगले दिन, जब परिवादी बीकानेर से रिड़मलसर पहुंचा, तो पाया कि आरोपी विक्रम खेत से निकलते हुए गुप्तीनुमा हथियार के साथ भाग रहा था। जब वे ढाणी पहुंचे, तो देखा कि छिनुराम खून से लथपथ पड़ा था और उसके गले, चेहरे और सिर में चोटें थीं। छिनुराम को अस्पताल ले जाते समय उसकी मृत्यु हो चुकी थी।
गवाहों के बयान और अदालत का आदेश:
इस मामले में अभियोजन पक्ष ने 14 गवाहों के बयान अदालत में पेश किए। अदालत ने आरोपी को दोषी ठहराते हुए, उसे आजीवन कारावास और 60 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई। जुर्माने की राशि मृतक के बच्चों को बतौर क्षतिपूर्ति दी जाएगी।
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इसके अलावा, पीड़ित प्रतिकर स्कीम के तहत जिला विधिक सेवा प्राधिकरण को मृतक के बच्चों को क्षतिपूर्ति राशि देने की अनुशंसा की गई।
राज्य सरकार की पैरवी:
इस मामले में अपर लोक अभियोजक जगदीश सेवग ने पैरवी की।