सेवादल को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की तर्ज पर मजबूत और सक्रिय किया जाएगा।
कांग्रेस पार्टी ने अपने अग्रिम संगठन सेवादल को पुनर्जीवित करने की दिशा में बड़ा कदम उठाया है। लंबे समय से निष्क्रिय रहे सेवादल को जिला से लेकर बूथ स्तर तक सक्रिय करने की योजना बनाई गई है। यह फैसला जयपुर के पास बाड़ा पदमपुरा में आयोजित तीन दिवसीय राष्ट्रीय कार्यसमिति की बैठक में लिया गया। बैठक की अध्यक्षता सेवादल के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालजी देसाई ने की।
कार्यक्रम और रणनीति:
सेवादल को जमीनी स्तर पर मजबूत बनाने के लिए कई नई योजनाओं और पुराने कार्यक्रमों को फिर से शुरू करने की योजना बनाई गई है। इनमें शामिल हैं:
- नेतृत्व निर्माण और तिरंगा अभियान:
- कार्यकर्ताओं को नेतृत्व कौशल सिखाने और राष्ट्रगान व तिरंगे के महत्व को समझाने के लिए कार्यक्रम होंगे।
- हर महीने जिला, ब्लॉक, तहसील और ग्राम इकाइयों में तिरंगा फहराने और ध्वज वंदन का आयोजन होगा।
- बाल सेवादल इकाई और ग्राम तरुण इकाई को पुनर्जीवित किया जाएगा।
- एक गांव, एक रात अभियान:
- सेवादल के पदाधिकारी ग्रामीण क्षेत्रों में रात्रि विश्राम करेंगे।
- जनहित और देशहित के मुद्दों पर चर्चा करेंगे।
- संविधान चौपाल और पदयात्राएं:
- गांवों में संविधान चौपाल और पदयात्राओं का आयोजन होगा।
- तिरंगे और कांग्रेस के झंडे का महत्व बताया जाएगा।
- रवि मिलन समारोह:
- हर महीने सेवादल के पदाधिकारी एक जगह बैठकर सामूहिक भोजन करेंगे।
विशेष कार्यक्रम:
सेवादल की राज्य इकाइयों को समर्थ विसारद कैप हर साल बड़े स्तर पर आयोजित करनी होगी। ध्वज मार्च और रैलियों के माध्यम से लोगों में जागरूकता बढ़ाई जाएगी।
कांग्रेस पार्टी की यह पहल न केवल सेवादल को पुनर्जीवित करने में सहायक होगी, बल्कि इसे एक संगठित और सक्रिय संगठन के रूप में उभरने में मदद करेगी। यह कदम कांग्रेस के राजनीतिक दृष्टिकोण में एक बड़ा परिवर्तन माना जा रहा है।