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बीकानेर

सुप्रीम कोर्ट ने राजस्थान सरकार को दी राहत, NGT के जुर्माने पर लगाई रोक

editor
editor Published January 11, 2025
Last updated: 2025/01/11 at 3:16 PM
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Supreme Court Grants Relief to Rajasthan, Halts NGT Fine
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जयपुर। राजस्थान सरकार को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) द्वारा राज्य पर लगाए गए 746.88 करोड़ रुपये के पर्यावरणीय जुर्माने पर स्थगन आदेश जारी कर दिया। यह जुर्माना 17 सितंबर 2024 को ठोस और तरल कचरा प्रबंधन नियमों के कथित गैर-अनुपालन के आधार पर लगाया गया था।

सुप्रीम कोर्ट का फैसला:

सुप्रीम कोर्ट की खंडपीठ, जिसमें न्यायमूर्ति अभय एस. ओका और न्यायमूर्ति के. वी. विश्वनाथन शामिल थे, ने कहा कि इतने बड़े जुर्माने से राज्य के पर्यावरणीय सुधार प्रयासों में बाधा आ सकती है। कोर्ट ने आदेश पर रोक लगाते हुए राज्य सरकार के अब तक किए गए प्रयासों की सराहना की।

राजस्थान सरकार का पक्ष:

  • अतिरिक्त महाधिवक्ता शिव मंगल शर्मा ने दलील दी कि NGT का जुर्माना मनमाना है और यह राज्य के द्वारा किए गए कार्यों की अनदेखी करता है।
  • सरकार ने बताया कि 2018 से अब तक:
    • तरल कचरा प्रबंधन पर 4712.98 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं।
    • ठोस कचरा प्रबंधन पर 2872.07 करोड़ रुपये लगाए गए हैं।
  • राज्य में 129 सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (STPs) स्थापित किए गए हैं, जिनकी कुल क्षमता 1429.38 एमएलडी है।
  • पुराने कचरे का 66.55% उपचार किया जा चुका है।

एनजीटी का आदेश:

एनजीटी ने राज्य को एक महीने के भीतर 113.10 करोड़ रुपये जमा करने और राज्य के मुख्य सचिव व अन्य अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस जारी किया था।

कोर्ट का संतुलित दृष्टिकोण:

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि पर्यावरणीय नियमों का अनुपालन अनिवार्य है, लेकिन राज्य सरकार को दंडित करने के बजाय प्रोत्साहन देना चाहिए। यह फैसला पंजाब सरकार के जुर्माने पर रोक लगाने के समान दृष्टिकोण पर आधारित है।

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राजस्थान सरकार को मिली राहत:

सुप्रीम कोर्ट के फैसले से राजस्थान सरकार को न केवल वित्तीय दबाव से राहत मिली है, बल्कि पर्यावरणीय सुधार कार्यों को जारी रखने का प्रोत्साहन भी मिला है। सरकार ने इस आदेश का स्वागत करते हुए कहा कि यह न्यायपालिका का सकारात्मक निर्णय है और राज्य पर्यावरणीय सुधार के लिए अपने प्रयासों को और मजबूत करेगा।


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editor January 11, 2025
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