त्योहारी सीजन में ई-कॉमर्स प्लेटफार्मों पर आकर्षक छूट और लुभावने ऑफर्स की बाढ़ आई हुई है, जिससे लोग ऑनलाइन खरीदारी के लिए प्रोत्साहित हो रहे हैं। हालांकि, इस दौरान साइबर ठगी के मामले भी तेजी से बढ़ रहे हैं। नकली वेबसाइट्स, फर्जी लिंक, और साइबर फ्रॉड के माध्यम से ग्राहकों को निशाना बनाया जा रहा है। साइबर अपराधी नामी वेबसाइट्स की नकल कर नकली प्लेटफार्म तैयार कर रहे हैं, जहां पर बड़े डिस्काउंट और ऑफर्स का लालच देकर ठगी की जा रही है।
साइबर एक्सपर्ट सुभाष दाधीच के अनुसार, अपराधी फर्जी वेबसाइट्स बनाते हैं, जहां लोग जल्दबाजी में खरीदारी करते हैं और ठगी का शिकार हो जाते हैं। लोग इन वेबसाइट्स से खरीदारी कर अपने बैंक खातों से पैसे खो देते हैं या खराब सामान प्राप्त करते हैं।
सतर्कता के उपाय:
- किसी अनजान लिंक, ईमेल, या वेबसाइट पर क्लिक करने से पहले उसकी स्पेलिंग और यूआरएल की जांच करें।
- सोशल मीडिया पर नए सेलर से नगद भुगतान की जगह कैश ऑन डिलीवरी का विकल्प चुनें।
- किसी अज्ञात कॉल पर ओटीपी या भुगतान की जानकारी साझा न करें।
- ठगी होने पर राष्ट्रीय साइबर क्राइम हेल्पलाइन 1930 पर कॉल करें या www.cybercrime.gov.in पर रिपोर्ट करें।
उदाहरण:
- मालवीय नगर की प्रीति सैनी को एक स्मार्ट वॉच के छूट वाले मैसेज से ठगा गया। लिंक पर क्लिक करने के बाद ओटीपी मांगा गया और 15,000 रुपए उनके खाते से कट गए।
- चौड़ा रास्ता की निधि संगतानी ने इंस्टाग्राम से 6,000 रुपए में बच्चों के कपड़े ऑर्डर किए, लेकिन कपड़े फटे-पुराने निकले और संपर्क करने पर नंबर बंद मिला।
Cautionary Note for Readers:
इस त्योहारी सीजन में नकली वेबसाइट्स और फर्जी ऑफर्स से सावधान रहें। हमेशा सतर्क रहकर कैश ऑन डिलीवरी को प्राथमिकता दें और किसी भी लिंक या ऑफर पर जल्दबाजी में निर्णय न लें। साइबर क्राइम की रोकथाम के लिए सही जानकारी साझा करें और जागरूक रहें।
