


गोंडा में दशहरा के मौके पर दुर्गा प्रतिमा के विसर्जन के दौरान पत्थरबाजी की घटना के कारण दो समुदायों के बीच तनाव उत्पन्न हो गया है। घटना शनिवार की शाम नगर कोतवाली क्षेत्र के बड़गांव में नूरामल मंदिर से आगे तकिया मस्जिद और घोसियाना मोहल्ले के आसपास हुई। पत्थरबाजी की सूचना मिलते ही इलाके में भारी मात्रा में पुलिस बल और पीएसी के जवान तैनात कर दिए गए।
धार्मिक उत्सव के दौरान श्रद्धालुओं ने मस्जिद के आस-पास के दो और तीन मंजिला घरों से पत्थर फेंकने का आरोप लगाते हुए विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया। कंट्रोल रूम से सूचना मिलने पर एसपी विनीत जायसवाल खुद मौके पर पहुंचे और माइक के माध्यम से स्थिति को नियंत्रित करने का प्रयास किया।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, सोनार गली मोहल्ले में दुर्गा प्रतिमा का विसर्जन शहर से खैरा भवानी मंदिर के पोखरे में किया जा रहा था, तभी असामाजिक तत्वों ने पथराव शुरू कर दिया। अंधेरे में स्थिति और बिगड़ गई, जिससे पुलिस को भी मुश्किलें आईं। हालांकि, पुलिस जवानों ने हुड़दंगियों को खदेड़ते हुए रास्ते पर एकत्रित भीड़ को तितर-बितर कर दिया।
नगर कोतवाल मनोज पाठक ने बताया कि स्थिति अब पूरी तरह नियंत्रण में है। कुछ गलतफहमियों के कारण विवाद उत्पन्न हुआ था, लेकिन पुलिस अफसरों और जवानों की सक्रियता से सब कुछ संभाल लिया गया। विसर्जन यात्रा को गंतव्य तक सुरक्षित पहुंचाने के लिए रूट को डायवर्ट कर दिया गया है।
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इस मामले में बड़गांव पुलिस चौकी के आगे मूर्ति विसर्जन विवाद में तीन लोगों को हिरासत में लिया गया है। दोनों पक्षों से एक-एक संदिग्ध को पकड़कर कड़ी पूछताछ की गई, लेकिन बाद में उन्हें छोड़ दिया गया। पुलिस इस बात की जांच कर रही है कि विसर्जन में शांति को क्यों और कैसे भंग किया गया।
दूसरी ओर, खुराफातियों ने माहौल बिगाड़ने के लिए सड़क किनारे की दुकानों को पलट दिया, जिससे गरीब दुकानदारों को नुकसान हुआ। नूरामल मंदिर के पास बवाल के दौरान अफरातफरी मच गई, जिसका फायदा उठाते हुए असामाजिक तत्वों ने सांप्रदायिक रंग देने की कोशिश की। पुलिस अब इस हरकत में शामिल लोगों की पहचान कर रही है और माहौल बिगाड़ने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने का आश्वासन दे रही है।