


त्योहार के अवसर पर उपवासी लोग अक्सर फलाहार का सेवन करते हैं, या फिर एक समय भोजन कर बाकी समय व्रत के अनुकूल खाद्य सामग्री का उपयोग करते हैं। इस कारण से बाजार में फलाहारी उत्पादों की मांग तेजी से बढ़ जाती है। हालांकि, यह सुनिश्चित करना आवश्यक है कि फलाहार के नाम से बेचे जाने वाले सभी उत्पाद वास्तव में व्रत की शुद्धता को बनाए रखते हों। कई बार ऐसे उत्पाद बेचे जाते हैं, जिनकी सामग्री व्रत के मानकों के अनुसार नहीं होती, जिससे उपवास भंग हो सकता है। इसलिए उपभोक्ताओं को उत्पाद की सामग्री की सही जानकारी प्राप्त करना जरूरी है।
यहां कर सकते हैं शिकायत:
यदि कोई निर्माता अपने उत्पाद को फलाहारी के रूप में प्रचारित करता है, लेकिन उसमें ऐसी सामग्री पाई जाती है जो व्रत की परंपरा को तोड़ सकती है, तो उपभोक्ता उस निर्माता और विक्रेता के खिलाफ उपभोक्ता संरक्षण कानून के तहत शिकायत दर्ज कर सकता है। इसके अलावा, उपभोक्ता उचित क्षतिपूर्ति का दावा भी कर सकता है। डॉ. अनन्त शर्मा, नेशनल चेयरमैन, कंज्यूमर कॉन्फेडरेशन, ने उपवास के दौरान सतर्कता बरतने की सलाह दी है।
