


राजस्थान के बीकानेर में राजस्थान पशुचिकित्सा और पशु विज्ञान विश्वविद्यालय में 12 करोड़ 42 लाख रुपये का बड़ा घोटाला सामने आया है। कुछ लोग विदेश में नौकरी करते हुए भी भारत में सरकारी वेतन और लाभ प्राप्त कर रहे थे। कई अधिकारियों ने नियमों को दरकिनार करते हुए यह खेल पिछले 30 वर्षों से चलाया, जिससे सरकार को भारी नुकसान हुआ।
घोटाले के प्रमुख बिंदु
- विदेश में नौकरी के साथ वेतन: कई कर्मचारियों ने विदेश में नौकरी करते हुए भारत में वेतन, महंगाई भत्ता और मकान किराया जैसी सुविधाएं लीं। छह प्रोफेसरों को पे-ऑफ छुट्टियां देकर यह लाभ दिया गया।
- वेतन वृद्धि में अनियमितता: पांच शिक्षकों को बिना ज्वॉइनिंग डेट जारी किए सैलरी बढ़ाई गई, जिससे 14 लाख 49 हजार 538 रुपये का अतिरिक्त भुगतान हुआ।
- पे-प्रोटेक्शन नियमों का उल्लंघन: 29 कर्मचारियों को पे-प्रोटेक्शन के तहत नियमों को दरकिनार कर 4 करोड़ 64 लाख 59 हजार 27 रुपये का भुगतान किया गया।
- सहायकों को गलत भुगतान: वरिष्ठ और कनिष्ठ सहायकों को वेतन नियमन के खिलाफ 85 लाख 49 हजार 241 रुपये का गलत भुगतान किया गया।
- रिटायर कर्मचारियों को भुगतान: इस घोटाले में कई कर्मचारी रिटायर हो चुके हैं, लेकिन उन्हें भी गलत तरीके से वेतन और अन्य लाभ दिए गए।
ऑडिट और वसूली आदेश
ऑडिट विभाग ने घोटाले की जांच के बाद वसूली के आदेश जारी कर दिए हैं। इसमें तत्कालीन कुलपति, कुलसचिव और यूनिट प्रभारी को जिम्मेदार ठहराया गया है। नोटिस जारी कर 12 करोड़ 42 लाख रुपये की वसूली का निर्देश दिया गया है। घोटाले की खबर सामने आने के बाद विश्वविद्यालय के कार्मिकों में हड़कंप मच गया है।
