


मणिपुर में जारी हिंसा: मुख्यमंत्री बीरेन सिंह पर बढ़ रहा इस्तीफे का दबाव
मणिपुर में हालिया हिंसा के बीच मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने 17 सितंबर को बीजेपी मुख्यालय में एक कार्यक्रम के दौरान अपनी स्थिति को स्पष्ट किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिन पर आयोजित इस कार्यक्रम में बीरेन सिंह ने सोशल मीडिया पर अपनी आलोचनाओं का जिक्र करते हुए कहा कि सरकार को कमजोर करने के प्रयास नहीं होने चाहिए।
मणिपुर में पिछले 16 महीनों से चल रही जातीय हिंसा के चलते सरकार पर नाराजगी बढ़ रही है। इस हिंसा में रॉकेट और ड्रोन बम जैसे अत्याधुनिक हथियारों का उपयोग किया गया है। 60,000 से अधिक सुरक्षाबलों की तैनाती के बावजूद स्थिति में कोई सुधार नहीं हुआ है।
मुख्यमंत्री बीरेन सिंह, जो कि पहाड़ी जिलों का दौरा नहीं कर पाए हैं, पर स्थानीय लोगों का आरोप है कि वे केवल मैतेई समुदाय के मुख्यमंत्री हैं। स्थानीय निवासी मार्गरेट ने कहा कि बीरेन सिंह ने कुकी समुदाय के लोगों की समस्याओं पर ध्यान नहीं दिया है।

विपक्षी दलों, खासकर कांग्रेस, ने राज्य में हो रही हिंसा के लिए सरकार को जिम्मेदार ठहराते हुए बीरेन सिंह से इस्तीफे की मांग की है। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष के मेघचंद्र सिंह ने कहा कि मणिपुर में हालात बेहद खराब हैं और मुख्यमंत्री को कुर्सी पर बने रहने का कोई अधिकार नहीं है।
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मुख्यमंत्री ने इन आरोपों का जवाब देते हुए कहा कि उन्हें इस्तीफा देने की कोई जरूरत नहीं है, क्योंकि उन्होंने कोई गलत काम नहीं किया है। इस बीच, मणिपुर में स्थिति में सुधार की उम्मीदें लगातार धूमिल होती जा रही हैं।