


Khabar 21। केंद्र की मोदी सरकार ने नागरिकता संशोधन कानून (CAA) का नोटिफिकेशन जारी कर दिया है। इस अधिसूचना के बाद यह कानून देशभर में लागू हो गया है। लोकसभा चुनाव से पहले केंद्र सरकार का यह बड़ा कदम है। CAA के तहत राजस्थान समेत देश के 9 राज्यों को विशेष अधिकार प्राप्त है। पिछले दो साल में 9 राज्यों के 30 से अधिक जिला अधिकारियों और गृह सचिवों को नागरिकता अधिनियम-1955 के तहत अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान से आने वाले हिंदुओं, सिखों, बौद्धों, जैनियों, पारसियों व ईसाइयों को नागरिकता देने की शक्तियां दी गई हैं। इनमें राजस्थान, उत्तर प्रदेश, दिल्ली, गुजरात, छत्तीसगढ़, हरियाणा, पंजाब, मध्यप्रदेश व महाराष्ट्र शामिल हैं।
राजस्थान में पाकिस्तान से आए 30 हजार से अधिक हिंदू शरणार्थियों को इस कानून का लाभ मिलेगा। इसके अलावा पश्चिम बंगाल, पूर्वोत्तर के राज्यों अरुणाचल प्रदेश, असम, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, नगालैंड और त्रिपुरा में भी बांग्लादेश से आए गैर मुस्लिम शरणार्थियों की काफी संख्या है।
क्या हैं नागरिकता मिलने के नियम
कानूनन भारत की नागरिकता के लिए 11 साल देश में रहना जरूरी है। नागरिकता संशोधन कानून में तीन देशों के गैर-मुस्लिमों को 6 साल रहने पर ही नागरिकता दे दी जाएगी। अन्य देशों के लोगों को 11 साल का वक्त भारत में गुजारना होगा, भले वे किसी भी धर्म के हों।
- Advertisement -

पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान के अल्पसंख्यक प्राप्त कर सकेंगे नागरिकता
गृह मंत्री अमित शाह ने एक्स पर लिखा, सरकार ने नागरिकता (संशोधन) नियम, 2024 को अधिसूचित किया है। ये नियम पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान में प्रताड़ित अल्पसंख्यकों को हमारे देश में नागरिकता प्राप्त करने में सक्षम बनाएंगे। इस अधिसूचना के साथ पीएम मोदी ने एक और प्रतिबद्धता पूरी की है और हमारे संविधान निर्माताओं के वादे को साकार किया है।