


खबर 21 – प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को अरुणाचल प्रदेश में ‘सेला टनल’ का उद्घाटन किया. ये दुनिया की सबसे लंबी डबल-लेन टनल है.
13 हजार 700 फीट की ऊंचाई पर बनी ये सुरंग रणनीतिक लिहाज से काफी अहम है. ये सुरंग असम के तेजपुर को अरुणाचल प्रदेश के तवांग को जोड़ने वाली सड़क पर बनाई गई है. इसे बॉर्डर रोड ऑर्गनाइजेशन (बीआरओ) ने बनाया है.
सेला सुरंग की नींव प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने फरवरी 2019 में रखी थी. शनिवार को इसका उद्घाटन करते हुए पीएम मोदी ने बताया कि पूर्वोत्तर में और भी सुरंगों का निर्माण कार्य चल रहा है.
चीन को कैसे मिलेगा जवाब?
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अभी तक सेना और आम नागरिक तवांग तक पहुंचने के लिए बालीपारा-चारिदुआर रोड (असम) का इस्तेमाल करते थे, क्योंकि सर्दियों में बर्फबारी के कारण सेला दर्रा बंद हो जाता था.

इन सुरंगों को इस तरह से डिजाइन किया गया है, ताकि यहां से बोफोर्स तोपों जैसे बड़े तोपखाने, टी-90 और वज्र हॉवित्जर जैसे टैंक आसानी से किसी भी मौसम में तवांग तक पहुंच सकते हैं.
इस सुरंग से चीन सीमा की दूरी तो कम होगी ही, साथ ही साथ तेजपुर (असम) और तवांग (अरुणाचल) में सेना के जो चार कोर हेडक्वार्टर हैं, उनके बीच की दूरी भी करीब एक घंटे तक कम हो जाएगी.
इतना ही नहीं, अभी तक एलएसी के पास तवांग में चीन भारतीय सेना की गाड़ियों के मूवमेंट पर नजर रखता था, सुरंग बनने से अब उसकी निगरानी भी बंद हो जाएगी.