


बीकानेर। सत्ता परिवर्तन होते ही सरकार ने निर्माण कार्य को रोकने के आदेश क्या जारी किए, बीकानेर का विकास ही रुक गया। पिछली सरकार ने म्यूजियम सर्किल से बीछवाल तक सिक्स लेन बनाने का निर्णय किया था। उसका 33 करोड़ बजट भी मंजूर किया। 3 किमी काम भी हो गया लेकिन सत्ता परिवर्तन होते ही बजट नहीं मिलने से काम ठप हो गया। नतीजा कहीं खुदी सड़कें तो कहीं सड़कों के गड्ढे नागरिकों को रोज परेशान करते हैं।
पिछले साल के बजट में म्यूजियम सर्किल से हल्दीराम प्याऊ तक 11 किमी सिक्स लेन बनाने की मंजूर की गई थी। 33 करोड़ का बजट तय किया था। टेंडर और वर्क ऑर्डर के बाद बीछवाल की ओर से काम शुरू हुआ। 3 किमी सड़क सिक्स लेन बना दी। इस काम के लिए पूर्ववर्ती सरकार ने 2 करोड़ मंजूर किया थे। 3 किमी सड़क बनने के बाद 3 करोड़ रुपए के बिल भेजे हुए कई महीने बीत गए। इस बीच सत्ता बदल गई। उसका भगतान नहीं हुआ तो आगे का काम रुक गया।
कई महीनों से काम पूरी तरह ठप है। सिक्स लेन पर असली खर्च अब आने वाला है क्योंकि हाई वे के बीच असली रुकावटें हैं वो अब आने वाली हैं। उनको दूर करने के लिए बजट चाहिए। ये शहर के भीतर का हिस्सा है। मगर पुराना बिल पास न होने से ठेकेदार नया काम शुरू नहीं कर रहा है। पीडब्ल्यूडी अभियंताओं भी पता है कि सरकार पैसा फिलहाल नहीं देगी इसलिए वे भी इसे वापस शुरू कराने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहे। नतीजा ये हुआ कि पब्लिक श्रीगंगानगर चौराहे से लेकर उरमूल गेट तक जर्जर और टूटी सड़क पर चलने को मजबूर हैं।
अपनी सरकार से सवाल नहीं कर पा रहे भाजपा नेता
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जन भावनाओ के मुताबिक अब ये सवाल उठने लगा है कि नई सरकार ने सारे निर्माण कार्यों पर रोक लगा दी। कोई नया टेंडर नहीं हो रहा। यहां तक कि जो वर्कऑर्डर हो गए उन पर भी काम नहीं हो रहा। ऐसे में नई सरकार के आने का अहसास जनता को नहीं हो रहा। भाजपा नेता जो विधानसभा चुनाव के पहले तक सड़कों को लेकर सवाल उठा रहे थे उनकी जुबान अब अपनी सरकार आने पर बंद हो गई। मगर जनता तो सवाल पूछेगी। जनता पूछ रही कि क्या काम रुकवाने के लिए नई सरकार चुनी थी।