

बीकानेर। मेड़ता न्यायिक जिला मुख्यालय के विशिष्ठ पोक्सो कोर्ट संख्या-1 ने नाबालिग से बलात्कार के बाद उसकी हत्या कर देने के एक 3 साल पुराने प्रकरण में अब फैसला सुनाया है और उसमें आरोपी दोष मुक्त हुआ। दरअसल, मुलजिम के खिलाफ आरोप प्रमाणित नहीं होने के बाद कोर्ट ने दोष मुक्त करने के आदेश दिए हैं। यही नहीं, मामले की जांच कर रहे तत्कालीन पुलिस उप अधीक्षक के खिलाफ 3 माह में कार्रवाई के भी निर्देश दिए हैं।
पुलिस थाने में प्रार्थी ने रिपोर्ट देकर ये बताया था कि घरेलु मवेशी चराने गई मेरी दोहिती के साथ आरोपी ने बलात्कार किया और सबूत नष्ट करने की नीयत से उसके मुंह व सिर पर पत्थर से वार कर हत्या कर दी और शव को नाडी के कीचड़ में दबा दिया। वहीं, दूसरी तरफ पोस्टमार्टम रिपोर्ट में यह साबित हुआ कि पीड़िता के शरीर पर कोई घातक चोट नहीं थी और पीड़िता की मृत्यु पानी में डूबने से हुई है। क्योंकि पीड़िता पानी की तलाई के पास पानी पीने गई और फिसलकर पानी में डूबने से उसकी मौत हो गई। अभियुक्त की निशानदेही पर लाठी बरामद करना बताया गया। लेकिन पीड़िता के शरीर पर लाठी की कोई चोट आना चिकित्सा रिपोर्ट में प्रमाणित नहीं हुआ। बहस को फिर दोहराया गया, जिसमें बताया कि पीड़िता के साथ बलात्कार की घटना साबित नहीं है। एफएसएल और डीएनए रिपोर्ट से भी पीड़िता के साथ बलात्कार पुष्टि नहीं होती है। वर्ष 2020 के इस प्रकरण में मेड़ता के विशिष्ठ पोक्सो कोर्ट-1 के न्यायाधीश रतनलाल मूण्ड ने अभियोजन पक्ष की ओर से न्यायालय में पेश तथ्यों, घटना एवं जब्तशुदा, आर्टिकल व मेडिकल के आधार पर पेश किए गए प्रकरण को अभियोजन पक्ष उचित संदेह से परे आरोप प्रमाणित करने में असफल रहने व आरोप साबित नहीं होने के कारण पीलवा थाना क्षेत्र के बाजोली निवासी दमुराम उर्फ दमाराम को दोषमुक्त कर दिया। इस प्रकरण में आरोपी पक्ष की ओर से चीफ लीगल एंड डिफेंस काउंसिल अधिवक्ता बलराम बेड़ा ने पैरवी की। चीफ एलडीसी बेड़ा ने बताया कि प्रकरण की सुनवाई करते हुए अभियोजन की ओर से 23 गवाह व 47 दस्तावेज प्रस्तुत किये गये थे।
