


जयपुर। राजस्थान में विधानसभा चुनाव के नामांकन प्रक्रिया शुरू हुए 24 घंटे से ज्यादा का वक्त बीत चुका है। लेकिन अब तक कांग्रेस ने 105 जबकि भाजपा ने 76 उम्मीदवारों के नाम का ऐलान नहीं किया है। जिससे नेताओं के साथ अब कार्यकर्ताओं में भी असमंजस की स्थिति पैदा हो गई है।
राजस्थान की राजनीति को करीब से जानने वाले पॉलिटिकल एक्सपट्र्स की हालत ब्रिटिश फिक्शन राइटर जेके रोलिंग जैसी हो गई है। जो सभी सूत्रों से मिली जानकारी को अपनी राजनीतिक समझ से आप सभी तक परोस रहे हैं। क्योंकि राजस्थान के राजनीतिक हालात फिलहाल पूरी तरह से बिगड़े हुए हैं।कामां में मौजूदा विधायक जाहिदा खान का विरोध लगातार बढ़ता जा रहा है। इसके बाद भारतीय जनता पार्टी से 10 उम्मीदवार यहां से चुनाव लडऩा चाहते हैं। वहीं पश्चिमी राजस्थान के जैसलमेर से रुपाराम का टिकट तय नहीं हो पा रहा है। माना जा रहा है कि इस सीट पर उनके साथ ही मानवेंद्र सिंह भी चुनाव लडऩा चाहते हैं।ऐसी ही असमंजस की स्थिति श्रीगंगानगर में भी बनी हुई है। क्योंकि वहां कांग्रेस से पिछली बार अशोक चांडक उम्मीदवार थे। जबकि राजकुमार निर्दलीय चुनाव लड़ विधायक बने थे। ऐसे में अब कांग्रेस में निर्दलीय विधायक और कांग्रेस के उम्मीदवार के बीच असमंजस की स्थिति बरकरार है राजस्थान बीजेपी में भी हालत ठीक नहीं है। आचार संहिता के बाद भाजपा ने 41 उम्मीदवारों की पहली लिस्ट जारी की थी। जिसमें उन्होंने काफी प्रयोग किए थे। उन प्रयोगों का विरोध थमा भी नहीं था। इसी बीच बीजेपी ने 83 लोगों की एक नई सूची जारी कर दी। जिसमें वसुंधरा राजे खेमे के 28 उम्मीदवार शामिल थे। लेकिन इसके बाद से ही बीजेपी की लिस्ट आना बंद हो गई है।विश्वसनीय सूत्रों के अनुसार भाजपा आलाकमान भी यह तय नहीं कर पा रहा है कि अगली सूची में वसुंधरा राजे समर्थकों को कितनी जगह दी जाए। इसके साथ ही जो लोग पिछले लंबे वक्त से इन सीटों पर मेहनत कर रहे थे। उनके साथ ही संघ के करीबियों को कैसे तीसरी लिस्ट में एडजस्ट किया जाए। इस पर लगातार भाजपा आलाकमान मंथन कर रहा है। जिसको लेकर अब अगले 3 दिनों में फैसला संभव है।
हालात इतने ज्यादा बुरे हो गए हैं कि राजनीतिक दल उन उम्मीदवारों का चयन भी नहीं कर पा रहें हैं, जिन पर प्रदेश की जनता की नजऱें टिकी हुई है।
