


जयपुर। राजस्थान में इस बार मानसून की शुरूआत अच्छी रही और प्रदेश में लगातार बारिश हो रही है। लेकिन बारिश के कारण लोगों की परेशानी भी बढ़ गई है। ह्ययूमिडिटी और पानी भराव के कारण मच्छर पनपने से डेंगू-मलेरिया के केस तेजी से बढऩे लगे है। जयपुर में पिछले एक महीने में डेंगू के केस तेजी से बढ़े है। मेडिकल हेल्थ डिपार्टमेंट की रिपोर्ट के मुताबिक 80 से ज्यादा केस पिछले 30 दिनों में डिटेक्ट हो चुके है।अमूमन ये बीमारी अगस्त आखिरी या सितम्बर में फैलनी शुरू होती है और अक्टूबर-नवंबर तक बरकरार रहती है। बारिश के बाद बड़ी संख्या में मच्छरों के पनपने से डेंगू-मलेरिया के केस बढ़ते है, लेकिन इस बार ये ट्रेंड जुलाई में ही देखने को मिल रहा है। विशेषज्ञों का कहना है कि बारिश के लगातार तो आ रही है, लेकिन खण्ड बारिश होने के कारण एक ही जगह पानी नहीं बरस रहा। जहां एक बार पानी बरसता है उसके बाद 3-4 दिन तक वहां सूखा रहता है। इस कारण सडक़ के गढ्डों, डिवाइडर किनारे, नालियों में भरे पानी में मच्छर पनप रहे है।हेल्थ एक्सपट्र्स के मुताबिक अभी जो डेंगू के केस आ रहे है उनमें ज्यादा गंभीरता नहीं दिख रही, इस कारण अभी तक इनसे डेथ का एक भी केस राज्य में नहीं मिला है। लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि लोगों को बीमार होने पर तुरंत डॉक्टर को दिखाकर उपचार लेना चाहिए, ताकि आगे जाकर बीमारी गंभीर न हो। साथ ही उन्होंने मच्छर के काटने से बचने के लिए फुल आस्तीन वाली शर्ट और पायजामे या पेंट पहनने की सलाह दी है।
मलेरिया से ज्यादा डेंगू के केस
हर बार की तरह इस बार भी डेंगू के मरीज ज्यादा सामने आ रहे है। राज्य में 28 जुलाई तक डेंगू के 930 केस और मलेरिया के 611 केस डिटेक्ट हो चुके है। जिलेवार रिपोर्ट देखे तो डेंगू के सबसे ज्यादा मरीज 216 जयपुर जिले में मिले है, जबकि मलेरिया के सबसे ज्यादा 400 मरीज बाड़मेर में मिले है। जालौर एकमात्र ऐसा जिला है जहां प्रशासन को अब तक डेंगू-मलेरिया का एक भी केस नहीं मिला है।
न फोगिंग न एंटी लार्वा का छिडक़ाव
राजधानी जयपुर में सबसे ज्यादा डेंगू केस मिलने के बाद भी नगर निगम और प्रशासन ने इसे कंट्रोल करने के अब तक कोई उपाय शुरू नहीं किए। शहर में न तो मच्छर मारने के लिए फोगिंग शुरू करवाई और न ही जलभराव वाले इलाकों में एंटीलार्वा का छिडक़ाव करवाया।
