बीकानेर। आज नृसिंह जयंती पर बीकानेर में नौ अलग-अलग जगह मेले भरेंगे। इस दौरान हिरणा कश्यप, नृसिंह अवतार और भक्त प्रहलाद को देखने के लिए लोगों की भारी भीड़ उमड़ती है। बीकानेर के नृसिंह चौक में सबसे पुराना मंदिर है, जहां पाकिस्तानी मुल्तानी मिट्टी से बना मुखौटा पहनकर करीब एक घंटे तक नृसिंह अवतार मंच पर रहते हैं। वहीं पास में 14 किलो चांदी से बने सिंहासन पर भक्त प्रह्लाद जाप करते हैं।बीकानेर में सबसे पहले नृसिंह चौक में मेला शुरू हुआ था, जहां नृसिंह मंदिर भी है। सैकड़ों साल पुराने इस मंदिर में नृसिंह भगवान का मुखौटा मुल्तानी मिट्टी से बना हुआ है। जिसकी खास बात ये है कि इसमें आज तक एक दरार नहीं आई। दशकों पुराने मुखौटे के बाल हर साल नए लगाए जाते हैं लेकिन शेष मुखौटा वैसा का वैसा रहता है। बीस किलो के इस मुखौटे को पहनकर एक कलाकार मेले में स्टेज पर खड़ा रहता है। लोग इसे ही असल नृसिंह भगवान मानते हुए चरण स्पर्श भी करते हैं और अपने घर के नए बच्चे को आशीष भी दिलाते हैं। गुरुवार को नृसिंह मंदिर में चार बार भगवान की पोशाक बदली जाएगी। यहीं पर 14 किलो चांदी से बनी कुर्सी पर भक्त प्रह्लाद कुर्सी पर बैठेंगे। यहां वो जप करेंगे। जब तक कि हिरण्यकश्यप का वध नहीं होगा, तब तक उनका जप चलेगा।
यहां आज शाम होंगे मेले
बीकानेर के नृसिंह चौक में शाम साढ़े पांच बजे हिरण्यकश्चप आएंगे और साढ़े छह बजे नृसिंह अवतार होगा। पौने आठ बजे हिरण्यकश्यप का वध होगा। इसी तरह डागा चौक में शाम साढ़े पांच बजे प्रह्लाद का अवतार होगा। शाम 7.35 बजे हिरण्यकश्यप का वध मंदिर की दहलीज पर होगा। मरुनायक चौक में भी शाम पांच बजे भजन संध्या होगी।
